इटावा

इटावा को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की और से बड़ी सौगात, ब्लॉकों और तहसीलों में लगने लगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन ऑटोमेटिक रेन गेज

इटावा को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की और से बड़ी सौगात, ब्लॉकों और तहसीलों में लगने लगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन ऑटोमेटिक रेन गेज

विशाल समाचार टीम इटावा :अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया है कि जनपद में प्राधिकरण द्वारा लगाए जा रहे AWS व ARG कार्यदायी संस्था मैं० ओबेल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से स्थापित किये जा रहे हैं, इसका सबसे अधिक फायदा किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को होगा क्योंकि, उन्हें अब मौसम का सटीक अनुमान पता चल जाएगा साथ ही किस इलाके में कितनी बारिश हुई है, यह भी रिकार्ड हो सकेगा। किसानों को मौसम का सटीक पूर्वानुमान बताने की तैयारी जिले में हो रही है। आपदा विभाग सभी तहसीलों में एक-एक ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन व बरसात का आंकड़ा एकत्र करने के लिए सभी ब्लॉकों में दो-दो ऑटोमेटिक रेन गेज लगाने का कार्य जोर शोर से चल रहा है। इसके लगने के बाद किसानों व यमुना/चम्बल के किनारे बसे लोगों को फायदा होगा। बे मौसम बरसात के साथ ही तेज हवा भी किसानों के लिए चुनौती है। इससे खेतों में खड़ी फसल गिर जाती है और नदियों के किनारे बसे लोग विशेषकर चकरनगर एवं इटावा तहसील के कई ग्राम बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। आपदा विभाग मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जिले की समस्त तहसीलों में एक-एक ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित करा रहा है, इससे हवा की गति, बवंडर की दिशा, बारिश की तीव्रता के साथ इससे होने वाले नुकसान की जानकारी समय पूर्व ही मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि इस सेटअप के लगने से जिले में मौसम व बारिश का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होगा। मौसम का पूर्वानुमान होने से फसलों को तेज बारिश, आंधी या ओलावृष्टि की स्थिति से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। आपदा विशेषज्ञ अवनीश दुबे ने बताया कि आपदा रोकी तो नहीं जा सकती पर यदि समय पूर्व सूचना मिल जाए तो इसका असर कम किया जा सकता है। जिले में यंत्र लगाने का कार्य प्रगति पर है, जल्द उपकरण भी लग जाएंगे। इसके बाद लोगों को बारिश, ओलावृष्टि, वज्रपात और आंधी-तूफान की समय पूर्व जानकारी मिल पायेगी। प्राकृतिक आपदाओं से जिले में हर साल भारी क्षति होती है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान आकाशीय बिजली गिरने से होता है। इसकी चपेट में आने से हर साल कई लोगों की जान भी जाती है। इन मौसमी आपदाओं से निपटने और समय पूर्व प्रबंधन की कवायद शुरू करते हुए प्रशासन ने अब मौसम की सटीक जानकारी के लिए जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) व ब्लॉक स्तर पर दो-दो वर्षा मापी यंत्र (एआरजी) की स्थापना का फैसला किया है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना के बाद तापमान, आर्द्रता, हवा के प्रवाह, दबाव, दिशा, गति व वर्षा आदि के बारे में हर 15 मिनट पर अपडेट व सटीक जानकारी मिल सकेगी। मैनुअल व्यवस्था में यह सूचना जुटाने में तीन से साढ़े तीन घंटे लग जाते हैं। इसके साथ ही ब्लाकों में स्थापित ए आर जी वर्षा की स्थिति, तापमान व आर्द्रता उपलब्ध कराएगा।

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