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केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अंगुल में स्किल इंडिया सेन्टर का उद्घाटन किया..

केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अंगुल में स्किल इंडिया सेन्टर का उद्घाटन किया

पुणे:  शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज अंगुल में स्किल इंडिया सेन्टर (एसआईसी) का उद्घाटन किया, जो युवा पीढ़ी को रोजगार क्षमता और न्यू-एज स्किल्स से सुसज्जित करता है और घरेलू और ग्लोबल मार्केट में रोजगार के नए रास्ते खोलता है।

कार्यक्रम में बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि अंगुल में स्किल इंडिया सेन्टर का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री की एक सराहनीय पहल है, जो क्षेत्र में कौशल विकास और शैक्षिक इंफ्रास्ट्रक्चर के दायरे को व्यापक बनाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा व्यापक विज़न दूरदराज के कम्युनिटी तक अपनी पहुंच का विस्तार करना है, और सार्वजनिक शिक्षा संस्थानों के पुनरुद्धार से विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों को लाभ होगा। इससे उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने और बेहतर रोजगार के अवसरों तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।”

केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आगे कहा, “इस सेन्टर द्वारा पेश किए गए स्किल एन्हांसमेंट प्रोग्राम से सालाना लगभग 1000 बच्चे लाभान्वित होंगे, जिससे व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।”

इस सेन्टर में युवा आबादी के विशाल बहुमत को उच्च मांग वाले व्यवसायों में भविष्य के कौशल से सुसज्जित करके और बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता और कौशल विकास को उत्प्रेरित करके भविष्य का हब बनने की क्षमता है। यह युवाओं को आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने, न्यू-एज टेक्नोलॉजी पर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने और कैरियर में उन्नति की सुविधा प्रदान करने में सक्षम करेगा जो काम और कौशल विकास के भविष्य की मांगों के अनुरूप है।

यह सेन्टर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लिखित लक्ष्यों से पूरी तरह मेल खाता है, जो एक फ्लेक्सिबल और डायनामिक शिक्षा प्रणाली बनाने के बारे में है जो छात्रों को रियल वर्ल्ड की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। ओडिशा की युवा आबादी संभावनाओं से भरपूर है और विविध जॉब रोल में प्रशिक्षण प्रदान करके, यह सेन्टर उनकी क्षमताओं को बढ़ाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और एक नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो युवा प्रतिभाओं की आकांक्षाओं और लक्ष्यों के साथ सहजता से मेल खाता है।

छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल प्रदान करके, स्किल इंडिया सेन्टर कुशल प्रतिभाओं की नियुक्ति में तेजी लाएगा, उद्योग के लिए तैयार कार्यबल को बढ़ावा देगा और आर्थिक विकास को गति देगा। कुशल कार्यबल एक साथ ऑपरेशन को सुव्यवस्थित करता है और उद्योगों को मार्केट डिमांड के अनुसार जल्दी से अनुकूलित करने की अनुमति देता है जिसके परिणामस्वरूप उनकी समग्र उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि होगी।

एकेडमिक नॉलेज को प्रैक्टिकल, व्यावहारिक अनुभव के साथ एकीकृत करके, यह सेन्टर टेक्नोलॉजी-इनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने और विभिन्न सेक्टर्स में परिवर्तनकारी प्रभाव डालने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह स्टोरी बोर्ड आर्टिस्ट, ग्राफिक डिजाइनर, स्टिचर्स – गुड्स एंड गारमेंट्स, कटर – गुड्स एंड गारमेंट्स, हेल्पर, बरिस्ता एक्जीक्यूटिव, एफ एंड बी सर्विस एसोसिएट और आईटी हेल्पडेस्क असिस्टेंट सहित दस पाठ्यक्रमों की एक विविध श्रृंखला में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

इसके अलावा, ये सेन्टर्स उद्योग की बदलती जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर शिक्षा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। इससे मानकीकरण को बढ़ावा मिलता है, पारंपरिक शिल्प की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित होती है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं जो विभिन्न उद्योगों में कुशल प्रतिभा की मांग को पूरा करते हैं।

छात्रों की कुछ तस्वीरें

देवगढ़, संबलपुर और ढेंकनाल जिलों में पहले की गई शुरूआतों को स्थानीय युवाओं ने अच्छी तरह से स्वीकार किया है। ये ठोस प्रयास राज्य को भविष्य के कौशल के सेन्टर के रूप में स्थापित करने में सहायता करते हैं और आत्मविश्वास पैदा करते हैं जहां युवा आत्मविश्वास से आकर्षक कैरियर के अवसरों का पीछा करते हुए सफल होंगे।

इसके अतिरिक्त, एनएसडीसी द्वारा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करने और एक समर्पित सेन्टर मैनेजर नियुक्त करने की दोहरी अप्रोच, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है जो उद्योग मानकों के साथ सहजता से संरेखित होती है। लैब इक्विपमेन्ट और टूल्स की खरीद सुनिश्चित करती है कि ये संसाधन आसानी से उपलब्ध हैं जो समावेशिता को बढ़ावा देते हैं, व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देते हैं और सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। पहल के एक भाग के रूप में, सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) सेक्टर-विशिष्ट विशेषज्ञता प्रदान करेगी, स्किल गैप की पहचान करेगी, ट्रेनिंग प्रोग्राम डिजाइन करेगी और एक कुशल कार्यबल बनाने के लिए उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग करेगी जिससे उद्योगों में प्रतिभा की मांग पूरी होगी।

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