राज्यपाल रमेश बैस ने लोनावला में शिक्षक सम्मेलन का उद्घाटन किया
विद्यार्थियों को होमवर्क देने के बजाय उन्हें सर्वांगीण विकास का अवसर दें-राज्यपाल
रामावतार प्रजापति पुणे : राज्यपाल रमेश बैस ने आग्रह किया कि शिक्षकों को छात्रों को होमवर्क देने के बजाय स्कूल में अध्ययन करना चाहिए और क्षेत्रीय दौरे, ऐतिहासिक स्थलों, किलों, नदियों, विरासत स्थलों और पार्कों के दौरे के उप-कार्यक्रम आयोजित करके उनकी समग्र प्रगति में योगदान देना चाहिए।
वह लोनावला में वेधा प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मेलन कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में मिशन मनरेगा प्रबंधक नंद कुमार, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रणजीत सिंह देवल, वेधा समन्वयक नीलेश घुगे और अन्य शामिल हुए।
राज्यपाल श्री बैस ने कहा, दुनिया के कई देशों में विद्यार्थियों को होमवर्क नहीं दिया जाता, हमें भी यह नीति अपनाने की जरूरत है। एक समूह विद्यार्थी की सोच का विस्तार करता है, साथ मिलकर आगे बढ़ने की भावना पैदा करता है। खेलों में भागीदारी बढ़ने से जीत और हार को आसानी से पचाने की क्षमता विकसित होती है। बच्चों को मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रखने के प्रयास भी किए जाने चाहिए, उन्हें नई चीजों के बारे में जिज्ञासा विकसित करने के लिए प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
चूंकि शिक्षा देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए शिक्षकों को अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बारीकी से अध्ययन करने की आवश्यकता है। वेधा परिवार द्वारा विकसित प्रशिक्षण पद्धति में शिक्षक छात्रों को स्व-अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करते हैं। देश की आत्मनिर्भरता के लिए छात्रों को सशक्त बनाना जरूरी है और 21वीं सदी में जरूरी कौशल हासिल करने के लिए कक्षा के अंदर और बाहर शैक्षणिक प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। राज्यपाल श्री बैस ने आग्रह किया कि शिक्षा में तकनीक का समावेश कर विद्यार्थियों के ज्ञान को अद्यतन किया जाये और उनमें आत्मविश्वास पैदा किया जाये।