पूणे

विश्व शांति के लिए प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल १८ को यूके, यूएस और फ्रांस को होगा रवाना

विश्व शांति के लिए प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल १८ को यूके, यूएस और फ्रांस को होगा रवाना

पुणे,  : विश्व शांति के लिए अपना जीवन समर्पित करनेवाले एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष और यूनेस्को अध्यासन के प्रमुख विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल १८ से ३० अप्रैल को यूके, यूएसए और फ्रांस के लिए रवाना होगा. इसके अलावा अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी में डॉ. कराड को डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. शिक्षा और मानवता के प्रति उनकी लंबी समर्पित सेवा के लिए उन्हें यहां २५ अप्रैल को यह उपाधि प्रदान की जाएगी.
२१ अप्रैल को अमेरिका के शिकागो के आर्ट इंस्टीट्यूट के फुलरटन हॉल, जहां ११ सिंतबर १८९३ को स्वामी विवेकांनन्द ने विश्व धर्म संसद के दौरान अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था, वहां पर विश्वधर्मी डॉ. कराड ने भारत के महान सपूत स्वामी विवेकान्द की प्रतिमा स्थापित करने का मिशन उठाया है.
प्रो. डॉ. विश्वनाथ कराड के नेतृत्व के प्रतिनिधिमंडल में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ.आर.एम.चिटणीस, प्र कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे, नागपूर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एस.एन.पठान, निदेशक डॉ. महेश थोरवे, विश्व शांति विभाग के प्रो. मिलिंद पात्रे एवं प्रबंधन विभाग के प्रो. गौतम बापट शामिल होगे.
विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड १९ अप्रैल को ऑक्सफोर्ड में मूल्य आधारित शिक्षा पर एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इस सम्मेलन में वॉर्विक के लॉर्ड टेलर, शिक्षाविद डॉ. नील हॉक्स, लंडन के तथागत गौतम बुद्ध डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों का प्रचार एवं प्रसार करनेवारले डॉ. गौतम चक्रवर्ती, लंडन स्थित इंडियन हाइ कमिशनके डॉ. निधी चौधरी, केंब्रिज यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रो. डॉ. ब्रायन फोर्ड, स्विट्जलैाड के डॉ. जेफरी क्लेमेंटस भाग लेने वाले है. इस सम्मेेंलन में मूल्य आधारित वैश्विक शिक्षा के सिद्धांत पर आधारित इंडो ब्रिटिश ग्लोबल एजुकेशन मैनेजिंग काउंसिल का एक विशेष प्रस्ताव सर्व सम्मति से प्रस्तुत किया जाएगा.
२० अप्रैल को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्डस के एंटले और रीड हॉल में होने वाली बैठक में ब्रिटिश संसद के सदस्य, लॉर्डस अंतरराष्ट्रीय पत्रकार, लंदन प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधि और प्रख्यात ब्रिटिश दार्शनिक, शिक्षाविद, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे. वैश्विक शिक्षा प्रबंध परिषद की अवधारणा पर कार्यकर्ता और गणमान्य व्यक्ति मूल्यों पर आधिारित वैश्विक शिक्षा के भारत ब्रिटिश सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे.
२१ अप्रैल को फुलरटन हॉल, आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो, यूएसए, जहाँ स्वामी विवेकानन्द ने ११ सितंबर १८९३ को विश्व धर्म संसद के दौरान विज्ञान, धर्म और आध्यात्मिकता की भूमिका के सार और दर्शन पर बात की थी वहां डॉ. कराड विद्वानों, विचारको, दार्शनिको, वैज्ञानिको और एमआईटी के पूर्व छात्रों की एक सभा को संबोधित करेंगे.
इसके अलावा अमेरिका के यूटा राज्य में डॉ. ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी में प्रो. विश्वनाथ कराड को डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. साथ  ही २८ अप्रैल को करीब २० हजार लोगों के सामने डॉ. कराड संत ज्ञानेश्वर से डॉ. अल्बर्ट आइंस्टीन इस विषय पर व्याख्यान देंगे.
प्रो.डॉ. कराड का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य हमेशा शरीर ओर दिमाग का विकास करना रहा है. लेकिन यदि शिक्षा प्रणाली मन और आत्मा के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर सके तो व्यक्ति का समग्र वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विकास हो सकेगा.
आयोजित प्रेस वार्ता में एमआईटी डब्ल्यूपीयू के संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्र कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे, प्रो. मिलिंद पात्रे, निदेशक डॉ. महेश थोरवे और डब्ल्यूपीयू के सलाहकार डॉ. संजय उपाध्ये उपस्थित थे.

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