डॉ.तुषार निकालजे की मेहनत रंग लायी ,सहकारी आवास समितियों में मतदान केंद्र स्थापित करने के संबंध में चुनाव आयोग का बड़ा फैसला..
पुणे:- चुनाव आयोग ने इस साल सहकारी आवास समिति के क्लब हाउस में एक मतदान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्रयोग पहली बार पुणे महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में किया जा रहा है. 1952 से 2023 तक हुए जिला परिषद, ग्राम पंचायत, विधानसभा, लोकसभा चुनावों में यह पहला अलग प्रयोग है. यह अवधारणा चुनाव विषय के पुणे शोधकर्ता डाॅ. तुषार निकालजे ने चुनाव आयोग को सौंपा था आवेदन. 7 जुलाई 2023 को मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली, साथ ही राज्य चुनाव आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य को प्रस्तुत किया गया था। डॉ तुषार निकालजे ने 17 अक्टूबर 2022 को नागपुर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में “कोविड-19 के आलोक में चुनाव प्रशासनिक कार्यप्रणाली में बदलाव की आवश्यकता” पर एक सुझाव आवेदन पेपर प्रस्तुत किया। इसमें सुझाव दिया गया कि सहकारी गृह विकास समिति के भवनों में बने क्लब हाउस में मतदान केंद्र बनाया जाये. इससे मतदान प्रतिशत न्यूनतम 8 से बढ़कर अधिकतम 14% हो जाएगा। साथ ही, बुजुर्ग, विकलांग और बीमार लोगों के लिए दूर के मतदान केंद्र पर जाने के बिना समाज में मतदान केंद्र पर आसानी से मतदान करना संभव होगा। साथ ही, अन्य मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या घटेगी और चुनाव कर्मचारियों और अधिकारियों पर अतिरिक्त तनाव कम होगा. इस अवसर पर डाॅ. तुषार निकालजे ने संतोष व्यक्त किया. जानकारी के मुताबिक डॉ तुषार निकालजे भारतीय चुनाव प्रणाली के शोधकर्ता हैं। और उनकी मेहनत और लगन रंग लायी है ।चुनाव विषय पर उनकी दो पुस्तकों को महाराष्ट्र के सात विश्वविद्यालयों और तीन स्वायत्त महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम के रूप में अनुमोदित किया गया है। साथ ही उन्हें अपने शैक्षणिक और शोध कार्यों के लिए अब तक 14 राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। डॉ निकालजे ने साल 2021 से अब तक चुनाव आयोग को पांच अलग-अलग प्रस्ताव भेजे हैं.
पुणे महाराष्ट्र में पायलट आधार पर वडगांव शेरी, विश्रांतवाड़ी, कस्तूरबा सोसायटी, कोथरुड, वारजे, वडगांव बुद्रुक, धायरी, भोर में कुछ सहकारी आवास समितियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में मतदान केंद्र किए गए,और भी राज्यों में होंगे।