जुनं फर्निचर’… इस बूढ़े को रोककर दिखाओ
लोट्स लाइफ फाउंडेशन का २७ अप्रैल को पुणे में विशेष शो का आयोजन
निर्देशक एवं अभिनेता महेश मांजरेकर ने संवाददाता सम्मेलन में दी जानकारी
पुणे,: घर के वरिष्ठों को अक्सर पुराने फर्नीचर के रूप में जाना जाता है. जिस तरह नए घर में पुराना फर्नीचर पुराना हो जाता है. बेमेल हो जाता है उसी तरह इन वरिष्ठों की एक निश्चित स्थिति होती है. दो पीढियों के बीच के अंतर की वास्तविकता को दर्शाती. यह फिल्म संपूर्ण महाराष्ट्र में २६ अप्रैल को रिलीज हो रही है. साथ ही सिटी प्राइड कोथरूड में २७ अप्रैल को शाम ५ बजे विशेष शो का आयोजन किया गया है. यह जानकारी जुनं फर्निचर के निदेशक और मुख्य अभिनेता महेश मांजरेकर ने दी. इस मौके पर लोट्स ग्रुप के लोट्स लाइफ फाउंडेशन के निदेशक सत्यप्रभा गिरी और अभिनेत्री मेधा मांजरेकर उपस्थित थे.
आज कई घरों में माता पिता का व्यावहारिक रूप से उपयोग किया जाता है. एनआरआई बच्चे महीने में कम से कम एक बार अपने माता पिता को फोन करते हैं. लेकिन एक ही शहर में रहने वाले या एक ही घर में रहने वाले बच्चों के पास अपने माता पिता को फोन करने या मिलने का समय नहीं होता है. कई घरों में माता पिता को पुराना फर्नीचर कहा जाता है. इसी बात को लेकर यह विषय सुझा है ऐसी बात महेश मांजरेकर ने कही है.
आज घर में वयस्कों की मौजूदगी निराशाजनक स्थिति में पहूंच गई है. पुराने फर्नीचर की तरह वे भी बेढंगे होते जा रहे है. हमें एक ब्रेक लेने और इस बाधा को हमेशा के लिए देखने की जरूरत है. दिक्कतों की इस समृद्ध विरासत से जुड़ना चाहिए.
जुनं फर्निचर का निर्माण सत्य साई फिल्म्स द्वारा किया गया है और स्काईलिंग एंटरटेनमेंट द्वारा यतिन जाधव निर्मित है. इसकी कहानी , पटकथा, संवाद महेश मांजरेकर का है. इसमें महेश मांजरेकर, मेधा मांजरेकर, सचिन खेडेकर, भूषण प्रधान ने किरदार निभाया है. जिसका निर्देशन महेश मांजरेकर ने किया है.
फिल्म की कहानी में ७१ साल के गोविंद श्रीधर पाठक पुरानी व्यवस्था को चुनौती देते हुए कहते है इस बूढे आदमी को रोककर दिखाओ. अपनी पत्नी की मौत का दोष अपने बच्चों पर मढते हुए वह अदालत में क्षतिपूर्ति के लिए मुकदमा दायर करता है. इसमें गोविंद पाठक एंग्री यंग मैन के जुनून में आ रहे है. वह किसी के सामने झुकते नहीं. आज दो पीढ़ियों के बीच का संघर्ष सिर्फ मतभेदों, जीवन मूल्यों के अंतर को लेकर नहीं है. इस का विषय न केवल परिवारों बल्कि हमारे भीतर भी झांकने का अवसर है. उनके संवाद फिल्म की उत्सुकता बढाते है. काय चुकले सांग ना यह गाना महेश मांजरेकर ने अपनी आवाज में गाया है.
उम्रदराज लोगों को अक्सर आउटडेटेड कहा जाता है, इसमें सामान की कीमत और ताकत के बारे में बताने वाली यह फिल्म २६ अप्रैल को रिलीज हो रही है. महेश मांजरेकर द्वारा निर्देशित फिल्म जून फर्निचर का ट्रेलर दर्शकों को काफी पसंद आया है.
मराठी संस्कृति को संरक्षित करनेवाला फाउंडेशन
लोट्स ग्रुप के लोटस लाइफ फाउंडेशन के निदेशक सत्यप्रभा गिरी ने कहा, हमारा फाउंडेशन मराठी संस्कृति को संरक्षित करता है और वरिष्ठ नागरिकों के मुद्दों और समस्याओं पर काम करता है. चूंकि यह फिल्म उसी तर्ज पर है. इसलिए सिटी प्राइड कोथरूड में २७ अप्रैल को शाम ५ बजे विशेष शो का आयोजन किया गया है. मराठी संस्कृति को संरक्षित करने वाले महेश मांजरेकर हमारे ब्रांड एंबेसडर है. यह उनकी नई फिल्म जो रिश्ते और मानवता के बारे में है. हम पुरानी मानसिकता को बदलने का काम कर रहे है.
लोट्स ग्रुप का लोट्स लाइफ फाउंडेशन
लोट्स ग्रूप के लोट्स फाउंडेशन की स्थापना सत्यप्रभा गिरी ने की है. विशेष रूप से महिलाओं की सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान देते हुए समाज में वरिष्ठ नागरिकोंके कल्याण के लिए कार्य करता है. फाउंडेशन के माध्यम से श्रमिकों के कल्याण, कार्यस्थलों पर बच्चों की देखभाल की सुविधा, महिलाओं को सुरक्षा का प्रावधान और महिला सशक्तिकरण को लगातार बढ़ावा दिया जाता है.