पूणे

यूएसए, उटाह के  ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी (बीवाईयू) द्वारा प्रो.डॉ.विश्वनाथ दा. कराड मानद डी.लिट उपाधि से सम्मानित

यूएसए, उटाह के  ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी (बीवाईयू) द्वारा
प्रो.डॉ.विश्वनाथ दा. कराड मानद डी.लिट उपाधि से सम्मानित

पुणे,:  शिक्षा और मानवता के प्रति लम्बी सेवा के चलते एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को यूएस के उटाह स्थित ब्रिहम यंग यूनिवर्सिटी (बीवाईयू) से मानद डी.लिट की उपाधि प्रदान कर सम्मनित किया गया.
बीवाईयू के २०२४ बैच का दीक्षांत समारोह गुरूवार २५ अप्रैल को आयोजित किया गया था. इस मौके पर बीवाईयू के अध्यक्ष डॉ. सी.शेन रीस, एल्डर डी टॉड क्रिस्टोफरसन, एल्डर रोनाल्ड रासबैंड, एल्डर गोरिट गाँग, रॉन गनेल, रिचर्ड नेल्सन, किंग हुसैन, डॉ. अशोक जोशी एवं बोर्ड के अन्य ट्रस्टी सदस्य उपस्थित थे.
डी.लिट प्रदान करते हुए अध्यक्ष सी. शेन रीस ने प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड ने शिक्षा क्षेत्र में किए उत्कृष्ट  कार्य की सराहना की गई. उन्होंने अंतर धार्मिक संवाद के माध्यम से विश्व शांति स्थापित करने के उनके प्रयासों की भी सराहना की.
डी.लिट स्वीकारने के बाद विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, शिक्षा में सार्वभौमिक मूल्यों वाली शिक्षा को शामिल करना जरूरी है. इससे वसुधैव कुटुंबकम और विश्व शांति का माहौल बनाने में मदद मिलेगी. मन, बुद्धि, आत्मा और शरीर प्रकृति तत्व है. आज शरीर और बुद्धि पर गहन शोध किया जा रहा है. परन्तु आत्मा और मन की शिक्षा पर विचार नहीं किया जाता है. यदि विश्व में शांति रखनी है तो अध्यात्म के साथ साथ मन और आत्मा का भी अध्ययन करना आवश्यक है.
दुनिया में शांति की संस्कृति स्थापित करने के लिए मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली की अवधारणा को बढावा देने के लिए बीवाईयू एवं एमआयटी/डब्ल्यूपीयू के बीच सहयोग होना चाहिए. इसमें दुनियाभर के अन्य विश्वविद्यालयों का समावेश हो. ऐसी उम्मीद डॉ. कराड ने जताई.
मेरा जीवन महाराष्ट्र के संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम जैसे महान दार्शनिक संतों से प्रभावित है. अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे वैज्ञानिकों का स्थायी प्रभाव रहा है. मेरी बड़ी बहन प्रयागअक्का कराड का प्रभाव है. उसी प्रकार स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा जीवन को एक नई दिशा दी है.
इस समारोह में बीवायू के १५०० से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई. इनमें विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट डिग्री शामिल है. इस दीक्षांत समारोह में लगभग २५ हजार से अधिक नागरिक उपस्थित थे.

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