अगर उद्धव ठाकरे BJP के साथ रहते तो उन्हें ढाई साल…’, CM शिंदे का बड़ा दावा
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे के पास हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के लिए महान दृष्टिकोण था. उद्धव इसके बिल्कुल उलट हैं. उन्हें अपना स्वार्थ साधने में रुचि है.
Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार (7 मई) को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर चौतरफा हमला किया. उन्होंने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर दोगली राजनीति करने का आरोप लगाया. सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के बिल्कुल विपरीत हैं. वो केवल अपने स्वार्थ को आगे बढ़ाने में रुचि रखते.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि बालासाहेब ठाकरे हमेशा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहे और कभी भी अपने शब्दों से पीछे नहीं हटे थे.
कुर्सी के लालच में बीजेपी से उद्धव ने नाता तोड़ा-शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब की विचारधारा को त्याग दिया है. मुख्यमंत्री की कुर्सी के लालच में जब उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाया. उन्होंने कहा, हम असली शिव सेना हैं और बाला साहेब के हिंदुत्व के दृष्टिकोण और राज्य के विकास के काम को आगे बढ़ा रहे हैं.
आदित्य ठाकरे को लेकर क्या बोले एकनाथ शिंदे?
उद्धव ठाकरे के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि पूर्व मुख्यमंत्री और अब डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाने का वादा किया था. इस पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह एक नया जुमला है. पहले उन्होंने दावा किया कि अमित शाह ने उनसे कहा था कि CM के रूप में ढाई साल मिलेंगे. बात बंद कमरे में हुई. जब फडणवीस उन्हें मीटिंग के लिए फोन कर रहे थे तो 50 बार कॉल करने के बाद उन्होंने एक भी कॉल नहीं उठाया.
ढ़ाई साल सीएम पद पर क्या बोले?
सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि इससे पता चलता है कि वह बाहर नहीं बैठना चाहते थे. अगर वह बीजेपी के साथ बैठते, प्रतिबद्धता होती तो उन्हें 2.5 साल बाद में मिलते, लेकिन वह पहले ऐसा चाहते थे. उन्होंने कहा, ”चूंकि उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाया”. बालासाहेब और उद्धव ठाकरे दोनों के साथ काम करने के अपने अनुभव पर शिंदे ने कहा, बालासाहेब महान सोच और विचारधारा वाले एक महान व्यक्ति थे. उद्धव इसके बिल्कुल उलट हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद शिवसेना का पतन हो रहा था और विधायकों को फंड नहीं मिल रहा था. वे लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे?