हर्निया के साथ अन्य गंभीर जटिलताओं वाले 57 वर्षीय मरीज पर सफल फंडोप्लिकेशन प्रक्रिया
पुणे : कसबा पेठ के समर्थ युनिव्हर्सल हॉस्पिटल की डॉक्टरों की टीम ने हर्निया के साथ अन्य गंभीर जटिलताओं वाले 57 वर्षीय मरीज पर सफलतापूर्वक फंडोप्लिकेशन प्रक्रिया की. उपचार करनेवाले टीम में जनरल सर्जन डॉ.संजय शिवदे, जनरल फिजिशियन डॉ.विद्याधर शिवदे, डॉ.अनंत बागुल, भूलतज्ज्ञ डॉ.प्रसाद आंबेकर, वैद्यकीय अधिकारी डॉ.पूजा वाकडे, डॉ.स्मिता भोयर इनके साथ कर्मचारी आम्रपाली देवडे, अनिकेत हिरवे, दीपक खुशवाहा और दिलीप मामा इनका समावेश था.कठिन आर्थिक स्थिति रहे पेशे से एक मजदूर रहा यह मरीज एक जटिल परिस्थिति में था.
इसके बारे में बात करते हुए भूलतज्ञ व समर्थ युनिव्हर्सल हॉस्पिटल के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ.प्रसाद आंबेकर ने कहा की,जब यह मरीज हमारे पास आया तो उसे पेट और सीने में तेज दर्द हो रहा था. वे खाना निगल नहीं पा रहे थे, क्योंकि खाना गले से नीचे नहीं उतर रहा था.परिणामस्वरूप, वह छह महीने से अधिक समय से पेय पदार्थ ले रहा था. परिणामस्वरूप, रक्त में प्रोटीन का स्तर कम हो गया (हाइपोप्रोटीनेमिया) और गंभीर रक्ताशय उत्पन्न हो गया. उनका हीमोग्लोबिन लेवल घटकर 7 ग्राम रह गया था. पेय पदार्थ का सेवन करने के कारण वजन कम हो गया था और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई थी.
निदान से हायटस हर्निया का पता चला.जब कोई अवयव या पेशी कमजोर आवरण से बाहर निकल आता है तो इसे हर्निया कहा जाता है. हायटस हर्निया में, पेट का ऊपरी हिस्सा डायफ्रॅम के माध्यम से चेस्ट कैविटी में धकेल दिया जाता है.इस वजह से उन्हें पेट और सीने में तेज दर्द हो रहा था.
अन्ननलिका और पेट की स्थिती को जानने के लिए एक्स-रे और एंडोस्कोपी यह नैदानिक परीक्षण किए गए.
शल्यचिकित्सक डॉ.संजय शिवदे ने कहा की, हायटस हर्निया के अलावा, हेपेटाइटिस सी (एचसीवी पॉजिटिव) संक्रमण के निदान से उनकी स्थिति जटिल थी.हेपेटाइटिस सी के कारण उनके लिवर में सूजन आ गई थी. इसके अलावा, मरीज की पहले हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हुई थी. मरीज तंबाकू का सेवन करता था और जबड़े में अकड़न के कारण अपना मुंह ठीक से नहीं खोल पाता था.सर्जरी के दौरान कृत्रिम श्वसन के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी और ऐसी परिस्थितियों में एनेस्थीसिया बहुत जोखिम भरा था.इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए हमारी टीम ने ओपन सर्जरी के माध्यम से फंडोप्लीकेशन प्रक्रिया की.
फंडोप्लीकेशन एसिड रिफ्लक्स और हायटस हर्निया के लिए की जाने वाली एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में, शल्यचिकित्सक उस स्थान (हायटल) को कड़ा कर देते है जहां अन्ननलिका श्वास नली से होकर गुजरती है.पेट का ऊपरी हिस्सा, जिसे फंडस कहा जाता है, अन्ननलिका के निचले हिस्से के चारों ओर सिल दिया जाता है.इस मरीज की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया निःशुल्क की गई.मरीज की हालत में अब सुधार हो रहा है और वह तीन सप्ताह में अपनी दिनचर्या में वापस आ जाएगा.