रीवा

मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा की

मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा की

व्यापक प्रचार-प्रसार कर अभियान से हर व्यक्ति को जोड़ें – मुख्य सचिव

अभियान के समापन दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करें – मुख्य सचिव

 

रीवा विशाल समाचार संवाददाता: प्रदेश की मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा की। अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश में 5 जून से 16 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर कार्ययोजना बनाकर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अभियान चलाएं। अभियान के तहत कुएं, बावड़ी, स्टापडैम, तालाब तथा अन्य पुराने जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार कराएं। इस अभियान का जिला स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार करके स्वयंसेवी संस्थाओं तथा प्रत्येक आमजन को जोड़ें। सबके सहयोग से ही अभियान सफल होगा। सांसदगण, विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधियों का भी अभियान में सहयोग प्राप्त करें।

 

मुख्य सचिव ने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान की प्रत्येक गतिविधि का डाक्यूमेंटेशन कराएं। अच्छे फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कराएं। अभियान का समापन 16 जून को गंगा दशहरा पर किया जाएगा। इस दिन प्रत्येक जिले में प्रमुख जल स्त्रोत, धार्मिक परिसर अथवा नदियों के उद्गम स्थल पर भव्य समारोह का आयोजन करें। इसमें शामिल सभी व्यक्तियों को जल संरक्षण और संवर्धन की शपथ दिलाएं। मुख्यमंत्री जी उज्जैन में आयोजित समारोह में शामिल होंगे।

 

मुख्य सचिव ने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के लिए परंपरागत जल संरचनाओं का सुधार कराएं। इसके लिए मनरेगा की राशि तथा अन्य मदों का उपयोग करें। चेकडैम, खेत तालाब, स्टाप डैम, तालाब, बावड़ी आदि की साफ-सफाई कराएं। जिससे इनमें पर्याप्त मात्रा में जल भराव हो सके। कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम स्थानीय स्तर पर होर्डिंग लगाकर अभियान का प्रचार-प्रसार कराएं। जल संवर्धन कार्यों को शुरू करने के पूर्व स्थल की फोटो लें तथा कार्य पूरा होने के बाद की फोटो भी अपलोड कराएं। जन अभियान परिषद तथा अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं को इस अभियान से जोड़ें। शिक्षण संस्थाओं, ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों में जल संरक्षण के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराएं।

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया ने बताया कि प्रदेश में आगामी वर्षाकाल में वृक्षारोपण का बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत पाँच करोड़ 39 लाख पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। अन्य विभागों के सहयोग से भी एक करोड़ 25 लाख पौधों का रोपण कराया जाएगा। उज्जैन में 13 हेक्टेयर में महाकाल सांस्कृतिक वन विकसित किया जा रहा है। इसी तरह चित्रकूट में 8 हेक्टेयर में रामवन तथा खजुराहो और भोपाल में भी सांस्कृतिक वन विकसित किए जा रहे हैं। नगरीय निकायों में स्मृति वन बनाने की भी योजना है। इसका रखरखाव नगरीय निकाय करेगा। इसमें कोई भी व्यक्ति निर्धारित राशि देकर अपने पूर्वजों अथवा अन्य किसी की स्मृति में पौधे रोपित कर सकता है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कमिश्नर कार्यालय में एनआईसी कक्ष से कमिश्नर गोपाल चन्द्र डाड, मुख्य वन संरक्षक एवं संभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे, आयुक्त नगर निगम श्रीमती संस्कृति जैन तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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