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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) ने मोबिलिटी इंजीनियरिंग लैब स्थापित करने के लिए गठजोड़ किया

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) ने मोबिलिटी इंजीनियरिंग लैब स्थापित करने के लिए गठजोड़ किया

 

पुणे : टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज यह घोषणा की कि क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए उसने मोबिलिटी इंजीनियरिंग लैब (प्रयोगशाला) की स्थापना के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के साथ गठजोड़ किया है। इसके तहत कंपनी प्रयोगशाला की स्थापना में सहायता करेगी। उद्योग और शिक्षा जगत के सहयोग से वांछित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता को समझते हुए टीकेएम ने आईआईएससी की इस अग्रणी पहल को समर्थन देने का निर्णय किया है। सीखने के क्षेत्र में इस पहल का उद्देश्य उन्नत अत्याधुनिक तकनीक के साथ-साथ उच्च-स्तरीय अनुसंधान और विकास में शिक्षण को संभव करना है जहां भविष्य की योग्यता को पूरा किया जा सकेगा।

 

जमशेदजी नसरवानजी टाटा के दूरदर्शी प्रयासों से 1909 में भारत सरकार और मैसूर राजपरिवार के सहयोग से स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी – IISc) उन्नत शिक्षा और अनुसंधान के लिए भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है। इसका मिशन अत्याधुनिक अनुसंधान प्रदान करना और ज्ञान के सभी क्षेत्रों में नई खोज करना है। वैश्विक रैंकिंग में लगातार शिखर के भारतीय संस्थान के रूप में स्थान पाने वाले आईआईएससी को भारत सरकार द्वारा एक उत्कृष्ट संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) के रूप में भी मान्यता दी गई है।

 

जलवायु परिवर्तन के कारण मोबिलिटी सेक्टर (परिवहन क्षेत्र) में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है। इससे जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की आवश्यकता बढ़ गई है। भारत में, ऑटोमोटिव उद्योग को भी हरित प्रौद्योगिकियों की ओर तेजी से बढ़ने और वैश्विक स्तर पर हो रहे ऊर्जा परिवर्तन को अपनाने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बनाए रखना है। आईआईएससी, अपने मजबूत उद्योग संबंधों और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मोबिलिटी इंजीनियरिंग प्रयोगशाला का लाभ उठाने के लिए आदर्श स्थिति में है। यह सुविधा अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को उन्नत मोबिलिटी समाधान विकसित करने के लिए आवश्यक बहु-विषयक कौशल से लैस करने में मदद करेगी। प्रयोगशाला व्यापक परीक्षण और विकास के लिए हार्डवेयर-इन-लूप (एचआईएल) सिमुलेशन का उपयोग करते हुए विद्युतीकृत वाहन पावरट्रेन प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

 

वित्त वर्ष 2024 से 2027 तक, टीकेएम मोबिलिटी इंजीनियरिंग प्रयोगशाला की स्थापना और आवश्यक उपकरण तथा बुनियादी ढांचे, जैसे हाई-स्पीड डायनेमोमीटर, बैटरी एमुलेटर, ऑटोमेशन और कंट्रोल सिस्टम, व्हेकिल सिमुलेशन सॉफ्टवेयर और मोटर व इंजन के लिए माउंटिंग हार्डवेयर की खरीद का समर्थन करेगी। प्रयोगशाला मेकैनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सहित विभिन्न विभागों में अनुसंधान का समर्थन करेगी।

 

मोबिलिटी इंजीनियरिंग प्रयोगशाला की एक महत्वपूर्ण विशेषता विद्युतीकृत वाहन पावरट्रेन के अनुसंधान और विकास के लिए हार्डवेयर-इन-लूप (एचआईएल) परीक्षण सुविधा होगी। एचआईएल सिमुलेशन वास्तविक दुनिया के मापों को सिमुलेशन के साथ जोड़ता है, जिससे पुनर्उत्पादन योग्य, द्रुत और लागत प्रभावी परीक्षण संभव हो पाता है। यह वाहन विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे इंजन, मोटर और बैटरी जैसे भिन्न घटकों का परीक्षण वास्तविक दुनिया की ड्राइविंग स्थितियों के तहत किया जा सकता है। यह प्रयोगशाला वाहन ड्राइवट्रेन विन्यास और नियंत्रण रणनीतियों के डिजाइन और विकास की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे भौतिक प्रोटोटाइप से जुड़ी लागत और विकास समय को कम करते हुए सुरक्षा और प्रदर्शन सुनिश्चित होगा।

 

आईआईएससी के निदेशक प्रोफेसर जी रंगराजन ने कहा, “हमें मोबिलिटी इंजीनियरिंग प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए टीकेएम के साथ हाथ मिलाकर खुशी हो रही है। यह सुविधा हमारे छात्रों और शोधकर्ताओं को ऑटोमोटिव उद्योग में उत्सर्जन में कमी और ऊर्जा दक्षता सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगी। टीकेएम के साथ सहयोग से शिक्षा और उद्योग में सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क को एक साथ लाएगा, जिससे नवाचार और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। हम इस सहयोग से कई महत्वपूर्ण उन्नति की उम्मीद करते हैं, खासकर विद्युतीकृत वाहन पावरट्रेन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में। प्रयोगशाला मोबिलिटी इंजीनियरिंग में हमारे नए लॉन्च किए गए एमटेक कार्यक्रम का समर्थन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ मिलकर, हम अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को ऑटोमोटिव उद्योग के परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेंगे।”

 

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मुख्य संचार अधिकारी श्री सुदीप दलवी ने कहा, “हमें शैक्षणिक और शोध उत्कृष्टता के पर्याय आईआईएससी के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। यह समझौता ज्ञापन गतिशीलता इंजीनियरिंग में नवाचार को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टीकेएम में, हम तकनीकी प्रगति और कौशल विकास को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग की शक्ति में विश्वास करते हैं। मोबिलिटी इंजीनियरिंग प्रयोगशाला की स्थापना का समर्थन करके, हम न केवल अनुसंधान के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में बल्कि भारत में ससटेनेबल मोबिलिटी (स्थायी आवाजाही) के भविष्य और कुशल इंजीनियरों के विकास में भी सहयोग कर रहे हैं। यह प्रयोगशाला अग्रणी अनुसंधान के लिए एक क्रूसिबल के रूप में काम करेगी, जिससे नई तकनीकों के विकास को सक्षम किया जा सकेगा जो हमारे समय की चुनौतियों जैसे कि जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ, अधिक कुशल परिवहन समाधानों की आवश्यकता को संबोधित करती हैं। हमें विश्वास है कि यह पहल अभूतपूर्व अनुसंधान को उत्प्रेरित करेगी और इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को पोषित करेगी जो टिकाऊ गतिशीलता के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे।”

 

टीकेएम में, शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देना हमेशा से एक प्रमुख फोकस रहा है। मजबूत साझेदारी बनाने में कंपनी के महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक, उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ

 

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