खेत में लगे जाल में फंसा तेंदुआ आतंक ग्रामीणों में दहशत
विशाल समाचार नेटवर्क जसवंतनगर: क्षेत्र के ग्राम पंचायत जसोहन के बीहड़ी क्षेत्र से सटे खेतों में तेंदुए को देख ग्रामीण दहशत में आ गए। बुधवार शाम ग्राम जसोहन के रहने वाले किसान रोहन सिंह अपने खेतों पर कृषि कार्य से पहुंचे तो देखा के जंगली जानवरों से फसल के बचाव के लिए खेतों के आसपास लगाए गए जाल और तार में एक तेंदुआ बुरी तरह फंसा है और जाल से निकलने को गुर्रा रहा है। यह देख रोहन सिंह बुरी तरह घबरा गए और अपने गांव की तरफ भागे। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। इकट्ठे होकर ग्रामीण रामचरन, विष्णु, रंजीत, विनोद राजेंद्र, पप्पू, करू, प्रमोद कुमार और किसान रोहन सिंह लाठी डंडों से लैस होकर जब खेत पर पहुंचे तो तारों और जाल में फंसा तेंदुआ पूरी ताकत से तार और जाल को तोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। तभी वन विभाग की टीम पहुंची जो उसे पकड़ने के लिए जंगल में घुस गई।
बीहड़ी क्षेत्र के किसान और ग्रामीण दहशत में: बीहड़ी क्षेत्र में तेंदुए के होने की खबर को सुनकर जसोहन खाद, जसोहन बगिया, नगला केशोंराय, नगला रामताल, सिरसा
ग्राम पंचायत जसोहन के बीहड़ी क्षेत्र से सटे खेतों में तेंदुए को खेतों की रखवाली के लगे जाल में फंसा देख ग्रामीण दहशत में आ गए।
डीएफओ बोले-तेंदुए को पकड़ने में लगी हैं चार टीमें
डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना और फोटो के आधार पर लेपर्ड है जो कि बढ़पुरा और यमुना नदी की कछारों, कंदराओं के बीच घनी झाड़ियों के मध्य जंगलों में अपना स्थान बनाकर रहते हैं। कहीं से घूमता हुआ आबादी की तरफ खेतों में आ गया होगा। उसको पकड़ने के लिए रेंजर अमित कुमार सेंगर के नेतृत्व में चार टीम में लगाई गई है जिसमें एसडीओ, सेक्शन ऑफिसर, वन दरोगा, कैटल गार्ड आदि शामिल है। जल्द ही उस लेपर्ड को पकड़ लेंगे। डीएफओ ने ग्रामीण किसानों से अपील की है कि जब तक यह तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता तब तक किसान और विशेष रूप से बच्चों और जानवरों को खेतों की तरफ न जाने दें।
गांव, कीरतपुर, झलोखर और ब्रह्माणी मंदिर के आस पास बसे गांव के ग्रामीण और किसान दहशत में आ गए। इन दिनों इस क्षेत्र में किसान खेती में बाजरा, उर्द, अरहर की खेती कर उनकी देखभाल करते हैं।
भय और डर से इन क्षेत्रों के किसान अब घर में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। किसानों के अलावा बीहड़ी क्षेत्र से गुजरने वाले राहगीरो में भी भय व्याप्त है।
वन विभाग टीम समय पर कभी आती है क्या?तो शायद पकड़ा जाता वन विभाग कर्मचारी कभी समय पर नहीं आते क्यों उच्च अधिकारी का समय पर फोन रिसीव नहीं होता? रिसीव ही होता तो गांव धरवार के सामने की नींल गाय तड़फ तड़फ कर अपनी जान दे दी मामला कुछ महिनों पूर्व का है?