आरोग्यपूणे

आयुर्वेद को प्रतिष्ठा का स्थान मिलना जरूरी- – डॉ. मधु चोप्रा

आयुर्वेद को प्रतिष्ठा का स्थान मिलना जरूरी- – डॉ. मधु चोप्रा

 

विशाल समाचार संवाददाता पुणे, : आयुर्वेद यह पीढ़ियों से प्रचलित एक चिकित्सा प्रणाली है और यह प्रतिष्ठा के स्थान की हकदार है, ऐसी राय प्रख्यात सौंदर्य उपचार विशेषज्ञ (कॉस्मेटोलॉजिस्ट) डॉ. मधु चोप्रा इन्होने व्यक्त की. मॉडेल कॉलनी में ‘सोलवेदा वेलनेस अँड पंचकर्म क्लिनिक’के उदघाटन के दौरान वह बात कर रही थी. शारंगधर फार्मास्युटिकल्स प्रायव्हेट लिमिटेड के संस्थापक डॉ.जयंत अभ्यंकर उपस्थित थे .

डॉ. चोप्रा ने कहा की, मेरे परिवार में एक एमबीबीएस और एक आयुर्वेद विशेषज्ञ थे और मैंने इसके फायदे देखे हैं.’आयुर्वेद एक ऐसा विज्ञान है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है.हमें तथ्यों और विज्ञान के आधार पर विविध चिकित्सा उपचार पद्धतियों का अवलंब करते हुए संतुलन बनाने की जरूरत है.

 

युवाओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,प्रत्येक व्यक्ति विशेष है और आपकी शारीरिक रुप का आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए,दिखावे का कारण नहीं होना चाहिए और सौंदर्यशास्त्र आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए। व्यायाम, ध्यान और स्वस्थ आहार के लगातार अनुशासन से मुझे ऊर्जा स्तर बनाए रखने में फायदा हुआ है.स्वस्थ रहने के लिए मौसमी और स्थानीय खाद्य पदार्थ खाना आवश्यक है.

 

डॉ.जयंत अभ्यंकर ने कहा की,प्रत्येक वैद्यकीय शाखा की अपनी ताकत और सीमाएं हैं.लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन सभी उपचारों का समन्वय आवश्यक है. उन्होंने शारंगधर कंपनी के सफर के बारे में बात करते हुए कहा कि, १९८५ में जब से हमने अपना काम शुरू किया, तब से अब तक लोगों की सोच में कई बदलाव देखने को मिले हैं. कोविड के बाद लोगों ने महसूस किया है कि मूल कारण तक पहुंचे बिना किसी भी स्वास्थ्य समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता है और इसलिए आयुर्वेद का महत्व बढ़ता जा रहा है. शरीर में बीमारी को ठीक करने और रोकने की क्षमता पहले से ही मौजूद है और हमें इसे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होने कहा की पहले हम केवल आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण कर रहे थे, लेकिन अब हम ‘ सोलवेदा ‘ के माध्यम से सेवा उद्योग में प्रवेश कर चुके हैं और संपूर्ण स्वास्थ्य विकल्प प्रदान कर रहे हैं.

 

 

 

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