छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा था’, नारायण राणे के बयान ने मचाई सनसनी
राउत ने कहा था कि शिवाजी ने स्वराज्य के लिए सूरत के व्यापारियों को लूटा था और अब बीजेपी नेता नारायण राणे ने भी ऐसा ही बयान दिया
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पिछले दिनों कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को नहीं लूटा था. उनके इस बयान के बाद अब बीजेपी नेता नारायण राणे (Narayan Rane) का बयान आया है और उन्होंने कहा कि मैं कोई इतिहासकार तो नहीं हूं, लेकिन मैंने जितना पढ़ा, सुना है और इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे से जितना जाना है. शिवाजी ने सूरत को लूटा था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राणे ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”विपक्ष चुनाव को देखते हुए शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को आगे आकर शांति की अपील करनी चाहिए थी. लेकिन यह जाहिर है कि विपक्ष माहौल को खराब करने के लिए इस घटना का इस्तेमाल कर रहा है.”
उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे को देश से बाहर जाने को कहा था, जिस पर आपत्ति जताते हुए नारायण राणे ने कहा, ”उनके पास ऐसा बयान देने का क्या अधिकार है? क्या वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं. मैं अगर सीएम होता तो उद्धव ठाकरे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता.”
देशहित के लिए शिवाजी ने किया था हमला- फडणवीस
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, ”तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया में शिवाजी महाराज को गलत तरीके से पेश करते हुए ऐसे दिखाया था कि उन्होंने सूरत को लूटा था. हालांकि, यह तथ्यात्मक रूप से गलत अवधारणा है.” फडणवीस ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने जानबूझकर पढ़ाया कि शिवाजी ने सूरत को लूटा था. जबकि शिवाजी ने स्वराज्य के लिए कोष को लूटा था या देश हित के लिए उनपर हमला किया था.
देवेंद्र फडणवीस का इतिहास अलग है- राउत
वहीं, शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सूरत का व्यापारी मंडल था वो ईस्ट इंडिया कंपनी को पैसा देते थे. अपनी सुरक्षा के लिए पैसा देते थे. स्वराज्य के खिलाफ थे. छत्रपति शिवाजी ने तय किया कि ऐसे व्यापारियों को लूटना है, क्योंकि वह प्रोटेक्शन मनी ईस्ट इंडिया कंपनी को दे रहे थे. बहुत बड़े राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मानकर छत्रपति महाराज ने सूरत पर हमला किया. देवेंद्र फडणवीस का इतिहास अलग है.”