उत्तर प्रदेशराजनीति

सदस्य बनाने में किंग (महाराज )योगी सबसे आगे, 28 मंत्रियों को पीछे छोड़ा:सदस्य बनाने में संगठन से बड़ी रही सरकार, भूपेंद्र चौधरी सिर्फ 184 लोग जोड़ पाए

सदस्य बनाने में किंग (महाराज )योगी सबसे आगे, 28 मंत्रियों को पीछे छोड़ा:सदस्य बनाने में संगठन से बड़ी रही सरकार, भूपेंद्र चौधरी सिर्फ 184 लोग जोड़ पाए

 

विशाल समाचार नेटवर्क 

भाजपा के सदस्यता अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मंत्रियों को पीछे छोड़ दिया। पहले चरण में योगी ने 53,055 सदस्य बनाए हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मात्र 1,557 सदस्य बनाए। प्रदेश में भाजपा की राजनीति में बीते साढ़े तीन महीने से ‘संगठन सरकार से बड़ा होता है’ को लेकर छिड़ी राजनीतिक खींचतान के बीच संगठन के सदस्य बनाने में सरकार बड़ी साबित हुई। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी महज 184 सदस्य बना सके।

2 से 25 सितंबर तक चले सदस्यता अभियान के पहले चरण के बाद भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय ने 19 सितंबर तक की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजी है। इसमें सामने आया कि सरकार के मंत्री, सांसद, लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी और विधायक सदस्य बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। 28 मंत्री ऐसे हैं, जो 1 हजार सदस्य भी नहीं बना पाए हैं। कई विधायक और सांसद सदस्यता पहले चरण में 20 फीसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सके हैं।

 

भाजपा ने 2 सितंबर से सदस्यता अभियान में हर सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत चेयरमैन, प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए सदस्य बनाने का टारगेट तय किया है। सभी को पार्टी की ओर से जारी रेफरल लिंक के जरिए ही सदस्य बनाने हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से रेफरल लिंक से बनाए गए सदस्यों की रिपोर्ट में सामने आया कि कई विधायक और मंत्री अभी 500 सदस्य भी नहीं बना सके हैं।

दिग्गज मंत्री भी रहे फिसड्‌डी भाजपा के सदस्य बनाने में योगी सरकार के दिग्गज मंत्री भी सदस्य बनाने में फिसड्‌डी रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों को विधायक के ही टारगेट जितने 10 हजार सदस्य बनाने हैं। पहले चरण में मंत्रियों ने 2 से 15 फीसदी ही टारगेट पूरा कर पाए हैं।

 

टारगेट पूरा नहीं करने वाले मंत्रियों की लिस्ट देखिए

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मोर्चों के अध्यक्ष भी फिसड्‌डी सूर्य प्रताप शाही, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, केशव प्रसाद मौर्य, महेंद्रनाथ पांडेय और स्वतंत्र देव सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इन सभी को संगठन का कई सालों का अनुभव है। लेकिन, इनमें से कोई भी 2000 से अधिक सदस्य नहीं बना सके हैं।

 

भाजपा के अग्रिम मोर्चों के अध्यक्ष भी सदस्यता अभियान में फिसड्‌डी रहे हैं। ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने मात्र 682 सदस्य बनाए। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं एमएलसी प्रांशु दत्त द्विवेदी मात्र 389 सदस्य बनाए।

दूसरे दलों से आए मंत्री और नेता आगे निकले भाजपा के सदस्यता अभियान में कांग्रेस, सपा और बसपा से आए विधायक, मंत्रियों और सरकारी नौकरी छोड़कर भाजपा शामिल हुए मंत्री ने पार्टी के मूल कैडर के जनप्रतिनिधियों को पीछे छोड़ दिया है। आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने 35 हजार 353, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 15 हजार 827, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने 12 हजार 208, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने 9 हजार 198 और आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने 5 हजार 787 सदस्य बनाए हैं।

बाहरी एजेंसी से सदस्यता करा रहे विधायक और मंत्री भाजपा सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कार्यालय से मिली रिपोर्ट के बाद भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने अभियान की कमान संभाली। धर्मपाल सिंह बीते चार-पांच दिन से एक-एक मुद्दे की गहन समीक्षा कर रहे हैं। संगठन ने युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा और एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष से भी सदस्यता कम होने पर नाराजगी जताई है।

ये एमएलसी भी संपर्क से दूर भाजपा के सदस्यता अभियान में दूसरे दलों से आए विधान परिषद सदस्य भी दिलचस्पी नहीं ले रहे। सदस्यता अभियान की रिपोर्ट में सामने आया कि 12 से अधिक एमएलसी से सदस्यता अभियान के लिए संपर्क ही नहीं हो सका है।

 

इनमें एमएलसी अवधेश कुमार सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह, धर्मवीर प्रजापित, धर्मेंद्र सिंह सेंधवार, हरिओम पांडेय, जीतेंद्र सिंह सेंगर, केपी श्रीवास्तव, रजनीकांत माहेश्वरी, रविशंकर सिंह पप्पू, साकेत मिश्रा, सुरेंद्र चौधरी, वागीश पाठक, विच्छेलाल राजभर और योगेश चौधरी शामिल हैं।

 

हेमा मालिनी से संपर्क नहीं हो पाया: मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी से पार्टी का संपर्क नहीं हो सका है। सदस्यता अभियान की सूची में उनके नाम के आगे लिखा है, संपर्क नहीं हो सका। सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव हारी मेनका गांधी से भी भाजपा का संपर्क नहीं हो सका। वहीं, कौशांबी से चुनाव हारे विनोद सोनकर भी भाजपा के संपर्क से दूर हैं। जौनपुर से चुनाव हारे कृपाशंकर सिंह की मुंबई वापसी हो गई है, लिहाजा वह भी पार्टी का उनसे भी संपर्क नहीं हो सका है। इटावा से चुनाव हारे रामशंकर कठेरिया भी भाजपा का संपर्क नहीं हो सका है।

भूपेंद्र चौधरी सिर्फ 184 लोग जोड़ पाए ?

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