थापर इंस्टीट्यूट काउंसलिंग सेल (टीआईसीसी) ने सफलतापूर्वक आयोजित किया ‘ल्यूमिनेसेंस 2024
पुणे : थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (टीआईईटी), जो अपनी प्रगतिशील शैक्षिक पहलों के लिए प्रसिद्ध है, ने हाल ही में ‘ल्यूमिनेसेंस 2024’ का आयोजन किया। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम थापर इंस्टीट्यूट काउंसलिंग सेल (टीआईसीसी) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना है। “इल्यूमिनेट, एम्पावर, थ्राइव” थीम के साथ, इस आयोजन ने छात्रों और अभिभावकों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई और छात्रों को व्यक्तिगत और शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक साधनों से सुसज्जित किया।
थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (टीआईईटी) अपने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखता है। थापर इंस्टीट्यूट काउंसलिंग सेल (टीआईसीसी) के माध्यम से, संस्थान ने एक मजबूत सहायता प्रणाली विकसित की है, जिससे छात्रों को आधुनिक शैक्षणिक जीवन के प्रेशर से निपटने के लिए संसाधनों, काउंसलिंग और कम्युनिटी सपोर्ट तक पहुंच सुनिश्चित होती है। लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 7,00,000 से अधिक आत्महत्या के मामले होते हैं, जिनमें से 1,70,000 भारत में होते हैं, और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अनुसार छात्रों में आत्महत्या की घटनाओं में 4% की वृद्धि हुई है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सक्रिय कदम उठाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
‘ल्यूमिनेसेंस’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, टीआईईटी कैंपस में मानसिक स्वास्थ्य को एक प्रमुख मुद्दा बनाकर इस संकट का सामना कर रहा है। संस्थान छात्रों को न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए बल्कि भावनात्मक रूप से सशक्त बनने के लिए भी व्यापक सहायता प्रदान कर रहा है। थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (टीआईईटी) छात्रों की वृद्धि और भलाई के लिए एक समर्थनपूर्ण और समृद्ध वातावरण बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह अभिनव दृष्टिकोण टीआईईटी को उन शैक्षणिक संस्थानों की अग्रणी पंक्ति में खड़ा करता है जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और हस्तक्षेप को बढ़ावा दे रहे हैं।
टीआईईटी के निदेशक और थापर स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेस के डीन, प्रो. पद्मकुमार नायर ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “टीआईईटी में, हम दृढ़ता से मानते हैं कि हमारे छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य उनकी समग्र सफलता की नींव है। आज की तेज़-तर्रार और प्रतिस्पर्धी दुनिया में, हमें केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता से आगे बढ़कर एक ऐसा पोषणपूर्ण वातावरण बनाना होगा, जहां मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती हो। ‘ल्यूमिनेसेंस 2024’ और हमारे काउंसलिंग सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से, हम सक्रिय रूप से देखभाल की संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक छात्र को महत्व दिया जाए, समर्थन मिले, और व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर सक्षम महसूस करे। हमारा मिशन केवल दिमागों को शिक्षित करना नहीं है, बल्कि स्वस्थ, संतुलित व्यक्तियों को सशक्त बनाना है जो दृढ़ता और उद्देश्य के साथ नेतृत्व कर सकें।”
कार्यक्रम में तीन प्रमुख थीम शामिल थीं, जिनमें से प्रत्येक ने एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया। ‘कामफेस्ट (calmfest)’ के तहत छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विषयों में संलग्न होने, सीखने और रचनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर मिला। ‘ख़याल’ एक ओपन माइक इवेंट था जिसमें छात्रों ने अपनी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को साझा किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘मुस्कुराओ’ में प्रसिद्ध कवयित्री नायाब मिधा की मार्मिक प्रस्तुति रही, जिसमें उन्होंने पहचान, दृढ़ता और मानवता के साझा अनुभवों पर आधारित भावुक कविताएँ प्रस्तुत कीं।
नायाब मिधा ने टीआईईटी के छात्रों से मिली शानदार प्रतिक्रिया पर अपनी खुशी जताई और इस अवसर के लिए टीआईईटी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देना आज के दौर की एक बड़ी आवश्यकता है, और टीआईईटी ने इस दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है।
170 सदस्यों वाली मेंटल हेल्थ स्टूडेंट एंबेसडर टीम, जिसका नेतृत्व युवराज गुप्ता और कीर्तवीर कौर खरौद ने किया और टीआईसीसी की मैनेजर (स्टूडेंट काउंसलर) डॉ. सोनम दुल्लत के मार्गदर्शन में आयोजित, ‘ल्यूमिनेसेंस 2024′ ने कैंपस में समझ, करुणा और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा देने में बड़ी सफलता पाई ।
यह आयोजन महज जागरूकता का उत्सव नहीं था, बल्कि यह एक आंदोलन है जो एक ऐसे समुदाय की ओर बढ़ रहा है जहां छात्र मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सशक्त है।