रीवा

उद्योगों के विकास के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी – कलेक्टर

 

उद्योगों के विकास के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी – कलेक्टर

रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव में निवेश के अवसर का लाभ उठाएं – कलेक्टर

 

रीवा  विशाल समाचार संवाददाता. कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने जिले के प्रमुख उद्योगपतियों, एफपीओ प्रतिनिधियों तथा स्टार्टअप से जुड़े व्यक्तियों से संवाद किया। कलेक्टर ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए शासन के निर्देशों के अनुसार 23 अक्टूबर को रीवा में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है। यह पूरे विन्ध्य क्षेत्र को औद्योगिक विकास के नए अवसर देगा। उद्योगपति इसके माध्यम से दिए जा रहे निवेश के अवसरों का लाभ उठाएं। विन्ध्य में खनिज, ऊर्जा, सौर ऊर्जा, कृषि आधारित उद्योगों तथा वनोपज आधारित उद्योगों की अच्छी संभावना है। नए उद्योगों की स्थापना के लिए सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग की भी सुविधा उपलब्ध हो गई है। नए उद्योगों से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

 

कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में चोरहटा औद्योगिक क्षेत्र तथा अन्य स्थानों में संचालित उद्योगों के संचालन में बिजली, अधोसंरचना विकास की सुविधाओं में कमी मुख्य बाधा के रूप में बताई गई है। इन कमियों को दूर करके उद्योगों के विकास में प्रशासन पूरा सहयोग देगा। धान की मिलिंग के संबंध में भी जो सुझाव दिए गए हैं उन्हें मिलिंग की नई नीति में शामिल कराया जाएगा। इससे मिलर्स को अपना उद्यम संचालित करने में सुविधा होगी। बिजली का जितना उपयोग होगा केवल उतना ही बिल लिया जाएगा। चोरहटा में विद्युत सब स्टेशन का निर्माण शुरू हो रहा है। लगभग 6 माह में इसका निर्माण पूरा होने पर बिजली से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी बिजली, पानी, सड़क आदि की समुचित व्यवस्था की जाएगी।

कलेक्टर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए उद्योगपतियों को दो बार टैक्स नहीं देना होगा। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में जो निर्णय लिया जाएगा उसके अनुरूप व्यवस्थाएं की जाएंगी। स्टार्टअप करने वाले उद्योगपतियों को स्टार्टअप प्रोत्साहन योजना का लाभ दिया जा रहा है। इनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विपणन और सेवाओं के लिए पोर्टल के माध्यम से आमजनता तक पहुंचने का अवसर दिया जाएगा। सभी उद्योगपति 23 अक्टूबर के कार्यक्रम में अपनी भागीदारी अवश्य निभाएं। रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव के माध्यम से लगभग दो हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। उद्यम की स्थापना के लिए पूरे विन्ध्य में नौ हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन का भूमिबैंक बनाया गया है।

 

बैठक में कार्यकारी निदेशक एमपीआईडीसी यूके तिवारी ने 23 अक्टूबर के कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी। बैठक में जिला महाप्रबंधक उद्योग जेपी तिवारी ने बताया कि जिले में लगभग सौ करोड़ के उद्यमों की स्थापना के प्रस्ताव मंजूर हो गए हैं। एमएसएमई में लगभग एक हजार करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। त्योंथर, सेमरिया तथा गुढ़ में उद्योगों की स्थापना के लिए जमीनें चिन्हित कर ली गई हैं। सभी उद्योगपति इन्वेस्ट मध्यप्रदेश पोर्टल में अपने निवेश के प्रस्ताव अवश्य दर्ज कराएं।

 

बैठक में उद्योगपतियों ने चोरहटा औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था में सुधार, औद्योगिक क्षेत्र को सम्पत्ति कर से मुक्त रखने, बिछिया औद्योगिक क्षेत्र में नाली और सड़क की व्यवस्था तथा अतिक्रमण हटाने का सुझाव दिया। बैठक में धान मिलर्स के तीन वर्ष से लंबित भुगतान, नए उद्योगों को समय पर अनुदान राशि के भुगतान तथा स्टार्टअप के लिए विपणन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया। बैठक में आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री राजीव खन्ना, उपाध्यक्ष जीएस साहनी, मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह, बिछिया औद्योगिक संघ के अध्यक्ष रंजन गुप्ता, सिद्धार्थ शुक्ला, विजय मिश्रा, नीलेश तिवारी, अभिलाष शुक्ला, सीमा द्विवेदी तथा अन्य उद्योगपति उपस्थित रहे।

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