थिएटर प्ले आविष्कार के माध्यम से उत्साही लोगों ने सावकर के ‘माहाजी जन्म थेप’ का अनुभव किया
अभिवचन का नाट्य आविष्कार ‘प्रथम हिंदू साम्राज्य की संघर्ष गाथा….!’ मेरी उम्रकैद’
पुणे: 50 साल की काले पानी की सज़ा.., मन में देशभक्ति की बयार.., मार्सिले बंदरगाह में कूदना.., सावरकर की माफ़ी.. और ‘ने मजसी की मातृभूमि में वापसी’. सागर, प्राण तलमल्ला..” एक ऐसा गीत है जिसे प्रशंसकों ने आज अभिवचन के मंचीय नाटक के माध्यम से महसूस किया।
मौका था, स्वतंत्रता वीर सावरकर फाउंडेशन, पुणे द्वारा आयोजित ‘प्रथम हिंदू हृदय युद्ध की युद्ध गाथा’ का…! ‘माजी जन्मथेप’ नामक एक अन्य नाटक। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश सचिव नशदई दहाले, उपभोक्ता पेठ के अध्यक्ष सूर्यकांत पाठक, भाजपा पुणे शहर युवा मोर्चा के महासचिव दुष्यंत मोहोल, स्वतंत्रता वीर सावरकर फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रीतम थोरवे, श्री शंकर महाराज सेवा मंडल, चिंचवड़ के अध्यक्ष डॉ. . मुख्य अतिथि के रूप में अविनाश वैद्य, श्री दत्तोपंत म्हस्कर जनरल ट्रस्टी सचिव मिलिंद कुलकर्णी, अध्यक्ष प्रदीप पवार, भाजपा के आशुतोष वैशम्पायन, योगेश राजापुरकर, सचिव मेघश्याम देशपांडे, प्राची देशपांडे (ट्रस्टी), वृषाली देशपांडे (ट्रस्टी) आदि उपस्थित थे।
‘प्रथम हिंदू हृदयसम्राटची’ की कहानी, स्वातंत्र्य वीर सावरकर द्वारा लिखित और अनंत वसंत पनाशिकर द्वारा परिकल्पित….! नाटक ‘माझी जन्मथेप’ का निर्माण नाट्यसम्पदा कला मंच द्वारा किया गया है। नाटक का अभ्यास हाल ही में रामकृष्ण मोरे थिएटर, चिंचवड़ और यशवंतराव चव्हाण थिएटर, कोथरुड में किया गया था। नाटक को स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और श्री शंकर महाराज सेवा मंडल, चिंचवड़ के समर्थन से लाभ हुआ है।