अमित शाह के साथ बैठक में महाराष्ट्र के सीएम का नाम फाइनल, पढ़ें किसे मिलेगा गृह और वित्त मंत्रालय
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ही सीएम होगा। मगर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा? इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। मगर महायुति के तीनों घटक दलों के बीच विभागों पर सहमति बन गई है। जल्द ही भाजपा केंद्रीय पर्यवेक्षकों को महाराष्ट्र भेजेगी। माना जा रहा है कि इसके बाद भाजपा अपने विधायक दल का नेता चुनेगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की बैठक में महाराष्ट्र में महायुति की सरकार में विभागों के बंटवारे पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके तहत तीनों घटक दलों में बड़े विभागों में कोई फेरबदल नहीं होगा। पहले की तरह गृह विभाग भाजपा के पास, वित्त विभाग एनसीपी के पास और शहरी विकास विभाग शिवसेना के पास रहेगा।
दो दिसंबर को हो सकता शपथ ग्रहण समारोह
बैठक में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के मुद्दे पर चर्चा तो नहीं हुई, लेकिन देवेंद्र फडणवीस को नई जिम्मेदारी के लिए तैयार रहने को कह दिया गया है। सबकुछ ठीक रहा तो दो दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। ध्यान देने की बात है कि एकनाथ शिंदे ने दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री की दावेदारी छोड़ते हुए इसे तय करने की जिम्मेदारी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दी थी।
शिंदे ने साफ कर दिया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जिसे भी मुख्यमंत्री तय करेंगे उन्हें मंजूर होगा। शिवसेना के कई नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। वहीं पिछली बार रणनीतिक कारणों से उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने वाले देंवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद बढ़ गई
बैठक में अमित शाह ने तीनों नेताओं को आगे भी इसी तरह से सामंजस्य के साथ काम करने को कहा ताकि विधानसभा में मिले अपार जनसमर्थन को बनाए रखा जा सके। अगले एक साल में 27 महानगर पालिकाओं के साथ कई जिला परिषदों के भी चुनाव होने है। जिन्हें महायुति एक साथ मिलकर लड़ेगी।
भेजा जाएगा पर्यवेक्षक
शनिवार और रविवार को प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पुलिस महानिदेशकों की बैठक में भुवनेश्वर में रहेंगे। उनके आने के बाद सोमवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है। इसके पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा विधायक दल की बैठक के लिए वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाकर भेजेंगे, जहां औपचारिक रूप से विधायक दल के नेता का चुनाव होगा।