टीसीएस ने बैंकिंग सेवा से वंचित लोगों को सेवा प्रदान के लिए किया बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ समझौते का विस्तार
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज अगले पांच साल में बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए अपने टीसीएस फिनांशियल इन्क्लुज़न गेटवे समाधान को तैनात करना जारी रखेगी, केंद्रीय बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी और बैंक को बिना बैंकिंग सेवा से दूर लोगों की बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद करेगी
यह विस्तारित समझौता, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ लगभग 15 साल की साझेदारी पर आधारित है और वित्तीय सेवाओं और सरकारी योजनाओं को ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के प्रति टीसीएस की प्रतिबद्धता को दृढ़ करता है
मुंबई, : वैश्विक आईटी सेवा, परामर्श और व्यावसायिक समाधान कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) (बीएसई: 532540, एनएसई: टीसीएस) ने भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ अगले पांच साल के दौरान एंड-टू-एंड फिनांशियल इन्क्लुज़न (वित्तीय समावेश) समाधान की तैनाती जारी रखने से जुड़ी मौजूदा साझेदारी का विस्तार किया है। यह एप्लीकेशन प्रतिदिन लगभग 12 लाख लेन-देन कर सकता है और बैंक के 55,000 से अधिक एजेंटों को बैंकिंग सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में 6 करोड़ से अधिक ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद करेगा।
टीसीएस इस विस्तारित समझौते के अंग के रूप में, बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए अपने टीसीएस फिनांशियल इन्क्लुज़न गेटवे समाधान तैनात करेगी, बैंक डेटा केंद्रों में तैनात किए जाने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सहित केंद्रीय बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी, और एप्लीकेशन समर्थन तथा रखरखाव में मदद करेगी। टीसीएस आवश्यकता पड़ने पर किसी भी नई सेवा के लिए नियामक आवश्यकता और बैंक व्यवसाय आवश्यकताओं को लागू करने के लिए एप्लीकेशन में बदलाव की भी ज़िम्मेदारी संभालेगी।
खाता खोलने और आईएमपीएस और एनईएफटी हस्तांतरण जैसी बैंकिंग सेवाओं का समर्थन करने के अलावा, यह एप्लीकेशन आधार और डेबिट कार्ड-आधारित लेन-देन जैसे वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन का भी प्रसंस्करण करेगा। यह महत्वपूर्ण सरकारी बीमा और पेंशन योजनाओं (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना) में नामांकन की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगा, जिससे बैंक को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के फिनांशियल इन्क्लुज़न एवं कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग के महाप्रबंधक, विमल कुमार नेगी ने कहा, “यह नया समझौता हमें टीसीएस की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और नवोन्मेष का लाभ उठाने में मदद करता है, जिससे हमारी परिचालन क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त और बेहतर होगी। इस तरह की दीर्घकालिक व्यवस्था स्थिरता सुनिश्चित करती है और हमें बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी के लिए वित्तीय अंतर को पाटने के लिए रणनीतिक रूप से योजना बनाने और संसाधनों का आवंटन करने में मदद करती है। यह सहयोग सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के विज़न के साथ सहजता से जुड़ा है, जो हमें एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के करीब ले जाता है। नवोन्मेष, समर्पण और सामूहिक प्रयास के ज़रिये हम देश के हर कोने में समावेशी वित्तीय सेवा प्रदान करना, लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना और भारत की आत्मनिर्भरता और विकास में योगदान देना चाहते हैं।”
टीसीएस 2010 से बैंक ऑफ बड़ौदा का एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार रहा है, जिसने बैंक के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और देश में फिनांशियल इन्क्लुज़न कार्यक्रमों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करने में मदद की है। यह टीसीएस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच लगभग 15 साल की साझेदारी का चौथा विस्तार है। बैंक के 17 देशों में लगभग 16.5 करोड़ ग्राहक हैं।
टीसीएस के इंडिया बिजनेस के उपाध्यक्ष और परिचालन प्रमुख, मनोज इंदुलकर ने कहा, “टीसीएस को मज़बूत वित्तीय समावेश (फिनांशियल इन्क्लुज़न) परितंत्र के निर्माण में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ लगभग 15 वर्षों तक साझेदारी करने पर गर्व है। साथ में, हमने देश भर में 55,000 टचपॉइंट्स की स्थापना की है, जिससे बैंकिंग सेवाओं से वंचित इलाकों और आबादी तक आवश्यक बैंकिंग सेवाएं पहुंच रही हैं। हम इस साझेदारी को नए सिरे से ऊर्जा और ग्राहकों के इस महत्वपूर्ण वर्ग को बेहतर सेवा देने के लिए नवोन्मेषी सुधार प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच साल के लिए बढ़ाने के लिए रोमांचित हैं। टीसीएस में, हम बेहतरीन सेवा प्रदान करने और ऐसी प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं और समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं।”
टीसीएस ने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सेवाओं को बदलकर और इन सेवाओं को देश भर के नागरिकों के लिए सुलभ बनाकर भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीसीएस ने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और शीर्ष बैंकों के लिए अपने फिनांशियल इन्क्लुज़न गेटवे समाधान को लागू किया है। टीसीएस इन क्रियान्वयनों के ज़रिये भारत में वित्तीय समावेश बाज़ार के एक बड़े हिस्से की डिजिटल रीढ़ रही है।