दिव्यांगों की मोट्रेट ट्राइसिकिल रिपेयरिंग व्यवस्था भी करे विभाग
सामाजिक न्याय मंत्री श्री पटेल द्वारा समीक्षा बैठक में निर्देश
आलोक कुमार तिवारी प्रतिनिधी
रीवा (मध्य प्रदेश): सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि शासकीय योजनाओं के तहत दिव्यांगों को मोट्रेट ट्राइसिकिल आदि वाहन दिये जाते हैं। इन वाहनों का मेंटीनेंस भी विभाग ही देखे, ताकि दिव्यांगों को परेशानी नहीं हो। श्री पटेल ने कहा कि इस काम का प्रभार भी प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण के उपरांत किसी दिव्यांग को ही दें। अक्सर देखा गया है कि ईश्वर एक कमी देने के बाद कोई अन्य विशेषता मनुष्य में अवश्य देता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी समस्याएँ सुनें और सुझाव लेकर कल्याणकारी योजनाएँ बनायें। श्री पटेल ने यह बात विभागीय गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कही। विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रतीक हजेला, संचालक श्री स्वतंत्र कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। श्री पटेल ने कहा कि विधवा महिलाओं को बराबर पेंशन मिल रही है, इसके लिये संबंधित जिले के अधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित करें। विभाग द्वारा दी जा रही पेंशन योजनाओं की हर हफ्ते मॉनिटरिंग करें। बैठक में बताया गया कि सितम्बर-2019 से सितम्बर-2020 के मध्य 1351 करोड़ 94 लाख रुपये की राशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हितग्राहियों को दी गई।
बैठक में बताया गया कि नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत हर साल लगभग 1300 से 1500 विवाह होते हैं। इन पर लगभग 25 से 30 करोड़ की राशि खर्च होती है। दिव्यांगजनों को लैपटाप वितरण, मोट्रेट ट्राइसिकिल, सहायक उपकरण, कैम्प, आवास सहायता योजना आदि पर 10 करोड़ रुपये का व्यय किया जाता है। श्री पटेल ने दिव्यांगों को रोजगार दिलाने में भी विभाग को मदद करने के निर्देश दिये। दिव्यांगों के लिये प्रदेश के 52 जिलों में से 51 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। नये जिले निवाड़ी में पुनर्वास केन्द्र प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में वृद्धजनों के लिये 66 वृद्धाश्रम संचालित हैं। श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिये शिक्षण-प्रशिक्षण के लिये 20 शासकीय संस्थाएँ, 37 राज्य अनुदान एवं 26 संस्थाएँ निराश्रित निधि से संचालित हैं। वर्ष 2019-20 में संस्थाओं में दर्ज बच्चों की कुल संख्या 3614 है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से विद्यालयों का संचालन नहीं हो पा रहा है।