विशाल समाचार टीम इटावा
शिवराज सिंह संवाददाता
इटावा (UP):समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले इटावा जिले में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा है। पहले भाजपा और फिर पुलिस विभाग में बदलाव किया गया है। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुए बवाल के चलते भाजपा जिलाध्यक्ष को हटाया दिया गया। इसके तुरंत बाद ही यहां पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया गया है। ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बढपुरा में फायरिंग के बीच एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद को भाजपा नेता विमल भदौरिया ने थप्पड़ मार दिया था। इस घटना से क्षुब्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी की जिला इकाई को जमकर लताड़ लगायी थी। इसी क्रम में 15 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष अजय घाकरे को पद से हटा दिया गया जबकि 24 अगस्त को एसपी सिटी कका तबादला मुजफ्फरनगर में एसपी क्राइम के पद पर कर दिया गया। उनकी जगह हरदोई में तैनात एसपी सिटी पश्चिम कपिल देव सिंह को एसपी सिटी इटावा बनाया गया है।
घटना वाले दिन एसपी ने आला अफसरों को घटना की जानकारी देते हुए बताया था कि भाजपा नेता विमल भदौरिया के साथी ने उन्हे थप्पड़ मारा और ये लोग लाठी-डंडे, बम, असलहे लेकर आए हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे प्रदेश मे भाजपाईयो की भूमिका पर सवाल उठना शुरू हो गये थे। इससे पहले समाजवादी पाटीर् लगाताार योगी सरकार के अफसरो पर सवाल उठा रही थी कि पंचायत चुनाव मे सत्ता के इशारे पर उम्मीदवारो को डराया धमकाया जा रहा है।
वायरल वीडियो मे एसपी सिटी को साफ साफ कहते हुए सुना गया कि भाजपा के लोग पुलिसकर्मियों से मारपीट, पथराव व फायरिंग भी कर रहे हैं। यह मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंचा था। इसी के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष अजय धाकरे को हटाया जाना और फिर एसपी सिटी का तबादला होना इस प्रकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है।पंचायत चुनाव के तहत 10 जुलाई को ब्लाक प्रमुख चुनाव का मतदान हुआ था। इस दिन बढ़पुरा ब्लाक में मतदान चल रहा था, तभी भाजपा के कई नेता समर्थकों के साथ ब्लाक कायार्लय के बाहर एकत्रित हो गए थे। माहौल बिगड़ता देख एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद ने सहकर्मियों के साथ भीड़ को हटाने का प्रयास किया था। उसी दौरान भाजपा नेता विमल भदौरिया ने एसपी सिटी को थप्पड़ मार दिया था। चुनाव के दरम्यान भाजपा नेताओ के बवाल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी नेताओं की जमकर के लताड़ लगाई। मुख्यमंत्री इटावा के भाजपा नेताओ से इतने गुस्से मे दिखे उन्होंने साफ शब्दो मे कहा था कि जब सब सीटे हार गए तो केवल एक सीट के लिए इतने बबाल की जरूरत क्या थी। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद इटावा के भाजपाई बगले झांकते हुएनजर आये है।