मध्य प्रदेशरीवा

निर्यात संबंधित उद्योग स्थापना की रीवा संभाग में है अपार संभावनाएँ – कमिश्नर श्री सुचारी

निर्यात संबंधित उद्योग स्थापना की रीवा संभाग में है
अपार संभावनाएँ – कमिश्नर श्री सुचारी
निर्यात संवर्धन संबंधी एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

रीवा (MP) :रीवा जिला औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में तेजी से उभरता हुआ विन्ध्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण केन्द्र है इस जिले एवं संभाग के अन्य जिलों में निर्यात संबंधित उद्योगों की स्थापना की अपार संभावनाएँ हैं। यह कार्यशाला उद्यमियों के लिये मार्गदर्शन का कार्य करेंगी जिसके माध्यम से उन्हें अपने उत्पाद को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उक्त आशय के उद्गार कमिश्नर रीवा संभाग श्री अनिल सुचारी ने निर्यात संबर्धन हेतु आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
वृन्दावन गार्डन के सभागार में भारत सरकार की एपिड़ा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) एम.एस.एम.ई. तथा जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में कमिश्नर ने कहा कि किसी भी देश का निर्यात बढ़ने से अर्थ व्यवस्था मजबूत होती है और अन्य क्षेत्रों में भी सुधार होता है। लोगों की जीवन शैली बदलती है। उन्होंने कहा कि रीवा जिले में अधोसंरचना विकास तथा कृषि के क्षेत्र में बहुत कार्य हुए है। यहां उद्योग स्थापना के लिये फ्रेंडली माहौल है जिसका लाभ लेकर नवीन उद्योगों की स्थापना कर उद्यमी अपने साथ क्षेत्र के विकास में भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने प्रशासनिक स्तर से हर संभव सहयोग की बात कही।

कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात होते है अत: उद्यमियों को बेहतर उत्पादन के साथ ग्रेडिंग व उसके निरंतरता पर भी विशेष ध्यान देना होगा तभी अन्र्तराष्ट्रीय मानक पर उनका उत्पाद अपनी पहचान बना सकेगा।
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि रीवा जिले में बाणसागर की नहरों से सिंचाई की सुविधाओं में तेजी से विकास हुआ है। कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और किसान समृद्ध हुए है। अब जरूरत है कि कृषि उत्पादन एवं खाद्य प्रसंस्करण संबंधी उद्योगों की स्थापना हो तथा इनके उत्पाद इनका निर्यात हो सके। इसलिए आवश्यक है कि इन्हें सही व कारगर मार्गदर्शन दिया जाय तथा अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर इनकी पहचान स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के तहत आम की सभी प्रजातियों व सुंदरजा आम एवं सुपाड़ी के खिलौने की अन्र्तराष्ट्रीय स्तर ब्राांडिंग हो और इनको पहचान मिले। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र रीवा को कार्यशाला आयोजन के लिये प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का लाभ लेकर उद्यमी निर्यात संवर्धन की दिशा में आवश्यक पहल कर सकेंगे।

उद्घाटन सत्र में सहायक महाप्रबंधक एवं प्रभारी अधिकारी क्षेत्रीय कार्यालय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण भोपाल प्रशांत बाघमोर ने जिले में खाद्य उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अपनी धरोहरों व उत्पादों को जीआई टैग कराकर अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने की बात कही। उन्होंने अपेक्षा की कि जिले के उद्यमी अन्र्तराष्ट्रीय अधोसंरचना बनाने की दिशा में कार्य करेंगे ताकि नियतिक उनके यहां पहुंचकर उत्पाद खरीदने में रूचि दिखायें। सहायक निदेशक एमएसएमई इंदौर नीलेश त्रिवेदी ने विन्ध्य एवं रीवा जिले में निर्यात संवर्धन की संभावनाओं व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पावर प्वाइंट के माध्यम से दी। सहायक प्रबंधक अन्र्तराष्ट्रीय व्यापार पीतांबर सेरेलेक्स प्रा. लिमि. भोपाल कु. अंजली सोनी द्वारा बासमती एवं गैर बासमती चावल के निर्यात प्रक्रिया के संबंध में बताया। कार्यशाला में डॉ. अंकिता पाण्डेय, सीए प्रशांत जैन ने भी अपने अनुभव व मार्गदर्शन उद्यमियों को दिये।

इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन देते हुए महाप्रबंधक उद्योग यूबी तिवारी ने जिले में औद्योगिक विकास की संभावनाओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कि निर्यात संभावनाओं एवं निर्यात विकास से संबंधित कार्यशाला कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के मांग आधारित उद्यम स्थापना में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा कि कृषि से आय दुगनी तभी होगी जब कृषि उत्पादों का निर्यात हों। कार्यशाला में संबंधित विभागीय अधिकारी सहित उद्यमी उपस्थित रहे। इस दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझावों पर भी वन टू वन चर्चा की गयी।

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