मध्य प्रदेशरीवा

मलेरिया, डेंगू व चिकुनगुनिया से बचाव के लिए सलाह

मलेरिया, डेंगू व चिकुनगुनिया से बचाव के लिए सलाह

रीवा (MP) मलेरिया, डेंगू एवं चिकुनगुनिया से बचाव के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा ने कहां है कि मच्छर से फैलने वाले वाहक जनित रोग-मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों से सुरक्षा के लिए जनभागीदारी व जनजाग्रति का होना आवश्यक है। वर्षाकाल में जगह-जगह एकत्रित पानी में मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर, रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं व इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। इन बीमारियों से ग्रसित रोगी को बुखार सिरदर्द, बदनदर्द, उल्टी आना, ठंड लगना जैसे लक्षण होते हैं जिनका त्वरित उपचार आवश्यक है।

मलेरिया रोग एनाफिलीज मच्छर के काटने से फेलता है तथा यह मच्छर रात में सक्रिय रहता है। डेंगू व चिकुनगुनिया रोग, सफेद चकते वाले एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते है एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे- गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटा फूटा कबाड में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अण्डे देते हैं। पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें व कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। गड्ढों का मिट्टी से भराव करें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों के उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें, व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें। मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपडे पहने, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करे, नीम की पत्ती का धुंआ करें।

कोई भी बुखार मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया हो सकता है जिसका इलाज संभव है। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर शीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क जांच करायें तथा चिकित्सक के परामर्श से पूर्ण उपचार लें। मलेरिया की जांच ग्राम स्तर तक आरोग्य केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्रो में निःशुल्क उपलब्ध है।

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