पूणेविजनेस

जावा मोटरसाइकल्‍स ने पुणे में ‘स्‍वर्णिम विजय मशाल’ का स्‍वागत किया

जावा मोटरसाइकल्‍स ने पुणे में ‘स्‍वर्णिम विजय मशाल’ का स्‍वागत किया

विशाल समाचार टीम पुणे

पुणे: भारत जावा मोटरसाइकल्‍स ने अपनी #ForeverHeroes पहल के हिस्‍से के तौर पर पुणे शहर में ‘स्‍वर्णिम विजय मशाल’ का स्‍वागत कर भारतीय सेना का ‘स्‍वर्णिम विजय वर्ष’ मनाना जारी रखा है। जावा कम्‍युनिटी ने कोल्‍हापुर से लेकर पुणे तक भारतीय सेना के अमले के साथ विजय मशाल की यात्रा में साथ दिया।

‘स्‍वर्णिम विजय मशाल’ के स्‍वागत के लिये शहर में सदर्न कमांड द्वारा एक रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें 1971 के युद्ध के जांबाज, भारतीय सेना के सेवानिवृत्‍त और सेवारत कर्मचारी और उनके परिजन थे। इस दल का नेतृत्‍व भारतीय सेना कर रही थी और कोल्‍हापुर, पुणे, सांगली और मुंबई के जावा कम्‍युनिटी मेम्‍बर्स ने पूरे शहर में ‘विजय मशाल’ को पहरा दिया। ‘विजय मशाल’ पुणे के स्‍वारगेट क्षेत्र और सदर्न कमांड मुख्‍यालय से होकर गुजरी और काउंसिल हॉल में रैली का समापन हुआ।

इस ‘विजय मशाल’ को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नई दिल्‍ली में 16 दिसंबर, 2020 को नेशनल वार मेमोरियल से हरी झंडी दिखाई थी। 1971 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध की याद में एक साल के लिये रोशन ‘विजय मशाल’ को देश की चार प्रमुख दिशाओं में भेजा गया था और वह दिसंबर 2021 में वापस नई दिल्‍ली लौटेगी। पश्चिमी क्षेत्र की यात्रा कर रही ‘विजय मशाल’ 1 अक्‍टूबर को कोल्‍हापुर से पुणे पहुँची थी और वहाँ 31 अक्‍टूबर तक रहेगी। फिर सदर्न कमांड वार मेमोरियल से प्रस्‍थान करेगी।

यह राइड इस साल ‘स्‍वर्णिम विजय वर्ष’ के उत्‍सव में जावा मोटरसाइकल्‍स की तीसरी पहल है। इस साल इससे पहले जावा मोटरसाइकल्‍स ने कारगिल युद्ध के 22 वर्ष पूरे होने और लद्दाख में तुरतुक की लड़ाई के 50 साल पूरे होने की याद में भारतीय सेना को उसकी राइड्स में सहयोग दिया था।

1971 की युद्ध विजय की 50वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजली देने के लिये जावा मोटरसाइकल्‍स ने अपनी जावा के दो नये रंग खाकी और मिडनाइड ग्रे भी लॉन्‍च किये, जो भारतीय सेना की बहादुरी, सेवा और बलिदान को सम्‍मान देते हैं।

#ForeverHeroes पहल के विषय में:

#ForeverHeroes पहल की परिकल्‍पना क्‍लासिक लीजेंड्स ने सशत्र बलों के प्रति आभार की भावना को बढ़ावा देने के लिये की थी। अपनी शुरूआती अ‍वस्‍था से ही कंपनी उनके प्रयासों और बलिఀदान की प्रशंसा के मूल्‍यों की एक संस्‍कृति विकसित कर रही है, जिनके कारण हमारा देश सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध है। साल 2019 में कंपनी ने औपचारिक तौर पर इस पहल की घोषणा की थी, ताकि सशस्‍त्र बलों के कर्मचारियों और उनके स्‍वजन के कल्‍याण में योगदान दिया जा सके। इस पहल के अंतर्गत हुई प्रमुख घटनाएं निम्‍नलिखित हैं-

क्‍लासिक लीजेंड्स ने प्रोडक्‍शन मोटरसाइकल्‍स के अपने पहले बैच की 13 मोटरसाइकल्‍स की नीलामी कर कुल 1.49 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिनका इस्‍तेमाल ‘आर्म्‍ड फोर्सेस फ्लैग डे फंड’ में हुआ। यह धनराशि क्‍लासिक लीजेंड्स ने सशस्‍त्र बलों के प्रतिष्ठित अनुभवी लोगों, युद्ध नायकों और अधिकारियों की मौजूदगी में एक संयुक्‍त समारोह में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के केन्‍द्रीय सैनिक बोर्ड को सौंपी थी।
लेह की वॉर हीरो कॉलोनी, जहाँ वीर नारियाँ (युद्ध नायकों की विधवाएं) रहती हैं, में एक कम्‍युनिटी हॉल बनाने में योगदान। यह युद्ध नायक लद्दाख स्‍काउट्स रेजिमेंट के थे, जिन्‍होंने कारगिल की जंग लड़ी थी।
मोटरसाइकल्‍स, सेवा सहयोग और उत्‍तर-पूर्वी भारत में ‘सेवन सिस्‍टर्स राइड’ के लिये गियर देकर भारतीय नौसेना का सहयोग, ताकि उस क्षेत्र के युवाओं के बीच नौसेना को कॅरियर के एक बेहतरीन विकल्‍प के तौर पर प्रस्‍तुत किया जा सके।
मोटरसाइकल्‍स के एक बेड़े से भारतीय वायु सेना को सहयोग और दक्षिण भारत में उसके अड्डों पर राइड के लिये सेवा सहयोग।

बीएसएफ के अमले को श्रद्धांजली स्‍वरूप वाघा बार्डर पर ‘बॉर्डर मैन’ प्रतिमा लगाई गई, जो उनकी बहादुरी, समर्पण और बलिఀदान का प्रतीक है।
भारतीय सेना के 90 राइडर्स के साथ 75 जावा मोटरसाइकल्‍स कारगिल विजय दिवस का 22वां वर्ष मनाने निकलीं और ध्रुव वार मेमोरियल, काराकोरम पास, नौशेरा और श्रीनगर में चार शोभायात्राओं से बहादुर शहीदों को आदरांजली दी गई।
इस साल ‘स्‍वर्णिम विजय दिवस’ के उत्‍सव के हिस्‍से के तौर पर जावा मोटरसाइकल्‍स सेना के अमले के कल्‍याण के लिये ‘आर्म्‍ड फोर्सेस फ्लैग डे फंड’ में योगदान भी देगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button