निराश और हताश न हों विद्यार्थी, मार्ग बनाएँ, आगे बढ़ें, सरकार करेगी सहयोग
रीवा:. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विद्यार्थी कठोर परिश्रम, आत्म-विश्वास, एकाग्रता, मजबूत इच्छा-शक्ति और निरंतर प्रयासों से बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों ने इस वर्ष लगभग दोगुनी संख्या में यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में चयनित होकर यह सिद्ध कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हरसंभव सुविधाएँ उपलब्ध करवाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे लंबी उड़ान भरें। उड़ने के लिए अनंत आसमान है। यूपीएससी जैसी परीक्षा में चयनित होना गर्व की बात है, लेकिन चयनित विद्यार्थियों को सेवा में आने के बाद ऐसे कार्य करने हैं कि वे सदैव याद रखे जाएँ। आम जन के प्रति स्नेह हो और देश और प्रदेश के निर्माण में भरपूर योगदान भी दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सर्विसेस धन कमाने का माध्यम नहीं बल्कि देश बनाने का तरीका सीखने और राष्ट्रसेवा का माध्यम है। आज भी बहुत से प्रशासक अपने कार्यों के लिए याद किए जाते हैं। सिविल सेवाएँ इतिहास रचने का भी माध्यम बनती हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवा और अन्य सेवाओं में तीन तरह के अधिकारी होते हैं। प्रथम जो रूटीन किस्म का कार्य करते हैं, दूसरे जो कार्य को अटकाने में विश्वास रखते हैं और तीसरे जो नियमों की परिधि में निर्णय भी लेते हैं और वांछित लक्ष्य की पूर्ति करते हुए कार्यों से हमेशा याद रखे जाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आयएएस स्व. एम.एन बुच का स्मरण करते हुए उन्हें इस श्रेणी का अफसर बताया जिन्हें जनता हमेशा याद रखती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जरूरतमंद को सुख दे सकें, सदैव ऐसे प्रयास किए जाएँ। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि सड़क खोदी जाती है तो केबिल बिछाने वाला विभाग अलग होता है, पाइप लाइन सुधारने वाला विभाग अलग और वापस सड़क की मरम्मत करने वाला विभाग अलग। यदि इनमें तालमेल नहीं है तो जनता को कष्ट होता है। इसलिए सिविल सर्विसेस में सकारात्मक एप्रोच की आवश्यकता होती है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी अपनी योग्यता और रूचि के अनुसार कैरियर चुनता है तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है। मध्यप्रदेश के चयनित छात्र-छात्राएँ पूरी क्षमता के साथ राष्ट्र सेवा कर अपने चयन को सिद्ध करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण के लिए अनेक योजनाएँ बनाई है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के माध्यम से मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा के साथ ही आईआईटी और आईआईएम के लिए चुने गये विद्यार्थियों की फीस भरने का कार्य किया है। इसके अलावा छात्रावास उपलब्ध न होने पर विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री छात्र गृह योजना में कमरे के किराये की राशि का भुगतान करवाया गया। सरकार इस तरह की सुविधाएँ दे सकती हैं, लेकिन मुख्य दायित्व विद्यार्थी का ही होता है, जो अपने व्यक्तिगत प्रयासों से किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकता है। विद्यार्थियों को इस तरह की परिक्षाओं में चयनित होने के लिए तपस्या की आवश्यकता होती है। अपनी रूचियों को कुछ समय के लिए दरकिनार कर परीक्षा की तैयारी का कार्य किसी अनुष्ठान और तपस्या की तरह करने से सफलता सुनिश्चित हो जाती है।