अपने अंदर के अंहकार को मारना हैं कंस वध : अनूप महाराज
हरदोई विशाल समाचार: जिला हरदोई के ग्राम परचौली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा गमन, कंस वध एवं ऊधो गोपी संवाद का प्रसंग सुनाया। कंस वध के विषय पर उन्होंने कहा कि अधर्म का नाश कर धर्म की रक्षा करने के संकल्प के साथ ही भगवान इस धरती पर अवतरित हुए थे। उन्होंने अपने मामा कंस का वध करके बुराई पर अच्छाई का अधर्म पर धर्म का संदेश दिया। कंस मन का प्रतीक है, आज भी वह प्रत्येक मानव को बुराईयों की ओर ले जा रहा है। इसका प्रमाण है, हमारा वर्तमान समाज, आज समाज में बढ़ता हुआ पाप और भ्रष्टाचार मानव मन की देन है प्रत्येक मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति करना चाहता है फिर वो मार्ग पाप का ही क्यों न हो अनूप महाराज ने सभी को समझाते हुए कहा कि मन शिक्षा से नहीं बल्कि दीक्षा से नियंत्रित होता है। मनुष्य की मन, बुद्घि और सोच के अनुसार धर्म की अनेक परिभाषाएं है, पर ये परिभाषाएं भी मानव मन को बदलने में असमर्थ है। इसलिए आवश्यकता है श्रीकृष्ण जैसे गुरु की शरण में जाने की वहीं इस मथुरा रुपी देह में ईश्वर का प्रगटीकरण करते है और तभी मन रुपी कंस की समाप्ति होगी!
इसी के साथ आचार्य अनूप ठाकुर ने ऊधो-गोपी संवाद का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण के कहने पर ऊधो गोकुल पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि गोपियां श्रीकृष्ण के विरह में डूबी हैं। ऊधो ने गोपियों को समझाया कि श्रीकृष्ण तो निर्गुण, निराकार और सर्वव्यापक हैं। फिर वे उनके विरह में पागल क्यों हो रही हैं। यह सुन गोपियां ऊधो पर बरस पड़ती हैं और कहती हैं कि अपने ज्ञान को अपने पास ही रखो। हम तो सगुण, साकार कन्हैया के उपासक हैं। इस मौके पर परिक्षित सुरेश सिंह सपत्नीक, विजय सिंह, अजीत सिंह, प्रमोद सिंह, महेंद्रपाल सिंह “पप्पू”, देशराज सिंह, अर्पित त्रिपाठी, गोलू त्रिवेदी, रामवीर सिंह, अजय सिंह, मंजेश, समेत बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहें