विशाल समाचार टीम बिहार
पटनाः दिवाली के समाप्त होते ही अब लोगों ने छठ की तैयारी शुरू कर दी है. इस महान पर्व को लेकर राजधानी पटना में घाटों पर काफी भीड़ होती है. इसको लेकर सरकार की ओर से भी लगातार तैयारी की जा रही है कि कैसी प्लानिंग हो और क्या व्यवस्था हो जिससे आने वाले लोगों को राहत मिल सके. छठ महापर्व को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न नदी घाटों के साथ ही तालाबों पर स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करेगा. नदी किनारे घाटों के साथ ही तालाबों पर मेडिकल टीमें तैनात रहेंगी. साथ ही प्रत्येक घाट पर एक-एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी.
इस मामले में कुछ दिनों पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद जिलों को घाटों और तालाबों के किनारे स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. स्वास्थ्य सेवाएं (आपदा प्रबंधन) की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जनों को एक पत्र भेजा गया है. इसमें दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इधर अभी कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घाटों का निरीक्षण किया है. वहीं उच्चाधिकारियों की टीम ने दीघा घाट, जनार्दन घाट, पाटीपुल घाट, कुर्जी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रिएट घाट सहित कई अन्य घाटों का निरीक्षण किया है।
बता दें कि इस बार घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन तो किया जा रहा है लेकिन इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल को भी ध्यान में रखा जा रहा है. घाट पर मास्क/सैनिटाइजर का अनिवार्य प्रयोग करने के लिए निर्देश दिया गया है. वहीं यह भी चर्चा है कि बच्चों और बड़ों के साथ व्रतियों के लिए अलग-अलग नियम होंगे. इस नियम का सख्ती से पालन कराने को लेकर घाटों पर सीसीटीवी के साथ वाच टावर भी बनाए गए हैं.
डुबकी लगाने पर लग सकती है रोक
व्रतियों को लेकर विशेष रूप से गाइडलाइन हो सकती है. इसमें छठ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इस बार राज्य सरकार अधिक से अधिक लोगों से घर में ही छठ पर्व मनाने की अपील कर सकती है. इसके अलावा घाटों पर गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सरकार ये फैसला ले सकती है. वहीं घाटों पर आतिशबाजी पर रोक रहेगी. इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. जलस्तर को देखते हुए बैरिकेडिंग के लिए निर्देश दिया गया है.