पूणे

भारत जल्द ही विश्वगुरू बनेगा

भारत जल्द ही विश्वगुरू बनेगा
जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ.निर्मल कुमार सिंह की भावना
२६वें दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर तुकाराम व्याख्यानमाला का उद्घाटन

पुणे: जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल कुमार सिंह ने कहा, राष्ट्रीय सभ्यता, वसुधैव कुटुम्बकम और अंतरधार्मिक सद्भाव के सिध्दांतो के आधार पर भारत जल्द ही विश्व गुरू बन जाएगा. हजारों वर्षों से इस देश की परंपरा और आध्यात्मिक विचारधारा मानव के तन, मन, बुद्धि और आत्मा को शांति देने वाली है.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड पीस सेंटर (आलंदी), माईर्स एमआईटी, पुणे और संत श्री ज्ञानेश्वर तुकाराम महाराज स्मृति व्याख्यानमाला न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित २६वें दार्शनिक संतश्री ज्ञानेश्वर तुकाराम स्मृति व्याख्यानमाला के उद्घाटन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने कहा कि, भारतीय संस्कृति सबसे अच्छी है और सभी धर्मों की संस्कृति को यहां के लोगों ने संरक्षित किया है. वसुधैव कुटुम्बकम के अनुसार हम जम्मू कश्मीर में रहने वाले अन्य धर्मों के नागरिकों के साथ साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी साथ लाना चाहते है. आधुनिक समय में हमने विज्ञान को तो अपनाया है लेकिन यह जीवन के लिए पूर्ण नहीं हो पाया है. यह भारतीय विचारधारा, सांस्कृतिक राष्ट्र, मूल्यों, सिद्धांतों से भरा हुआ है. भारत ने पूरी दुनिया को योगा देने के बाद उनके सकारात्मक बदलाव सामने आए है. कश्मीर में भी बुर्का पहनकर महिलाएं योग कर रही थी. भारतीय सोच दूरगामी है और इसे पूरी दुनिया ने देखा है.
विश्वप्रसिद्ध कंप्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर ने कहा, १२ साल पहले डॉ. कराड द्वारा किए गए संकल्प को पूरा करते हुए उन्होंने बद्रीनाथ में माता सरस्वती मंदिर का निर्माण कराया है. यहीं से सारी दुनिया को ज्ञान दिया जाएगा. हमारे स्थान की आध्यात्मिक ने वेदों की भाषा, प्रकृति की भाषा सिखाई है. सभी धर्मों ने मनुष्य को जीवन जीने का ज्ञान दिया है. जिस दिन छात्रों को पता चलेगा की यह विश्व ही मेरा घर है, उस दिन दुनिया में परिवर्तन आएगा.
केरल, कोझिकोड स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी नरसिम्हा नन्द ने कहा, अध्यात्म भारत की रीढ है मंत्र आपको स्वयं के बारे में जागरूक करते है. अध्यात्म आंतरिक मन और बाह्य मन को सिखाता है. इसलिए स्वामी विवेकानंद कहते थे कि आंतरिक ऊर्जा की तुलना हो ही नहीं सकती है. इसलिए कोई भी काम लगन से करने पर उसे सफलता मिलेगी. इसके लिए आत्मविश्वास जरूरी है. भारत विश्व गुरु बनने की ओर बढ रहा है, लेकिन देखना होगा कि हम इसके लिए कितने तैयार है. दुनिया को समझाने के लिए धर्म की जरूरत है. इस आध्यात्मिक मार्ग से ही मानव जाति की सभी समस्याओं को समाधान किया जा सकता है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्व शांति केंद्र आलंदी, माईर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर माऊली और जगद्गुरू तुकाराम महाराज के संदेश को मानव जाति तक पहुंचाने के मुख्य उद्देश्य को लेकर व्याख्यानमाला शुरू की. यहां विचारक, धर्मगुरू, दार्शनिक, वैज्ञानिक, शिक्षा विशेषज्ञ मार्गदर्शन कर ज्ञान प्रदान करने का कार्य कर रहे है. सद्गुणों की पूजा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है. मन और आत्मा का अधिक चिंतन करना चाहिए, यही आपके जीवन के अंतिम उद्देश्य को पूर्ण करता है.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, हजारों छात्रों के जरिए देश में बदलाव की लहर लाने का यह एक छोटा सा प्रयास है. वर्तमान समय में सभी को औपनिवेशिक मानसिकता को बदलते हुए इंडिया के बजाए भारत शब्द का उच्चारण करने का साहस करना चाहिए. भारत की बात करके दुनिया को देश की ताकत दिखाने का समय आ गया है. उन्होंने इस बात भी जोर दिया कि जम्मू कश्मीर के छात्रों को पुणे में आमंत्रित करते हुए उन्हें मुफ्त में लीडरशिप का प्रशिक्षण देंगे.

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