बिहार सरकार जागो कुंभकर्ण जी जागो क्या जगाने के लिए ढोल नगाड़ों को लाना पड़ेगा क्या जबाव दो..?
पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मुख्यमंत्री महोदय सुशासन बाबू बिहार सरकार कुंभकर्ण की नींद से जागो क्या पकवान मिष्ठान की खुशबू देनी पड़ेगी या फिर डोल लंगाणे बजाने पड़ेंगे ।
(बीजेपी सरकार मे एक SDM सरपंच को धमकी देता
सुबह सुबह करीब 6 बजे रैली भीड जुटाना है।
नही तो समझ लेना आपको और आपके गांव को हमारा प्रकोप झेलना पड़ेगा..यह आडियो एक काभी वायरल हो रही …?)
विस्तार से पूरी खबर देखें
आपको ज्ञात हो कि सेक्शन 432 सीआरपीसी और सेक्शन 55 आईपीसी के तहत राज्य सरकार को परिहार देने का अधिकार है जिन कैदियों को जीवन का कारावास होता है जिन्होंने अपने सजा 14 वर्ष पूरी कर चुके हैं उन्हें रिहा करने का पूरा अधिकार आपके पास है
सर्वोच्च न्यायालय फरवरी 3-2021 को जस्टिस कौल और जस्टिस राय के बेंच से सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिया गया कि आजीवन कारावास की सजा पाए गए इस कैदियों को परिहार का अधिकार है और सभी राज्य सरकार को यह आदेश जारी किया गया कि टाइमलाइन तय करके कैदियों को छोड़ा जाए
एवं 7 मार्च 2017 को बिहार में ही पटना हाई कोर्ट के जस्टिस नवनीत प्रसाद सिंह एवं जस्टिस विकास जैन की बेंच ने रवि प्रताप मिश्रा बनाम स्टेट ऑफ़ बिहार के केस में सरकार को आदेश दिया कि चाहे जुर्म कितना भी जघन्य क्यों ना हो कैदी को उसके परिहार के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता अतः श्रीमान सुशासन बाबू नीतीश कुमार जी आपसे निवेदन है कि आप पूर्व सांसद आनंद मोहन जी को परिहार देने की कृपा करें क्योंकि कानून सिर्फ गरीब के लिए बनता है । नेता मंत्री राजनेता उधोग पतियों आदि को नहीं।
इस लिए आप कानून का पालन करते हुए । सेसन एक्ट को व प्रशासन के जीआर को देखते हुए तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है।
हमारा प्रशासन बिहार हथौडा पढने के लिए देखते रहे….?
निवेदक मानव समाज
एक सजग नागरिक