*हमने देखा है आजकल ज़माने में सभी का यही हाल है..!*
*उसे ख़ुशी मिलना नामुमकिन है जिसे ज़िंदगी से मलाल है..!*
*जितना मिला उससे अधिक पाने की चाहत रखता है हर कोई..!*
*जो पास है उससे ख़ुश है उस की ज़िंदगी में कब बवाल है..!*
*एक मुट्ठी ख़ुशी में भी कुछ लोग तो ताउम्र गुज़ार लेते हैं..!*
*किसे बेहिसाब मिलती फिर भी हमने देखा उसे बेहाल है..!*
*ख्वाहिशें गर हद में रहे तभी तो ज़िंदगी सदा मज़ा देती है..!*
*ख्वाहिशो के ग़ुलाम है उसके लिए ज़िंदगी एक जंजाल हैं..!*
*मलाल=दुःख, रंज*
*बवाल=झंझट*
*जंजाल=बखेड़ा*🙏🏻🙏🏻
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश