सीतामढ़ी

स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं जिनके आवाहन मात्र से जाग उठते हैं युवा

विकेश कुमार पूर्वे प्रतिनिधी सीतामढी

सीतामढी बिहार:उक्त बातें आज राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एसएलके कॉलेज सीतामढ़ी द्वारा शिक्षक प्रकोष्ठ में आयोजित सादे समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो० डॉक्टर अनिल कुमार सिन्हा ने कही ।उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य मानने वाले स्वामी विवेकानंद ने सदैव देश के गौरव और स्वाभिमान को प्राथमिकता में रखा ।वह सदा भारत की युवाओं के बीच भारत भूमि में जन्म लेने के गौरव का आह्वान करते रहे। प्रो० सिन्हा ने शिक्षक , कर्मचारियों एवं विद्यार्थिओं से स्वामी जी को पढ़ने एवं जानने की अपील की ताकि अंधकार में भी युवा को प्रकाश मिल सके। समारोह की अध्यक्षता एनएसएस के समन्वयक प्रो० ललन कुमार राय ने की। अपने संबोधन में प्रोफ़ेसर राय ने कहा कि भारत की आधी से अधिक आबादी युवा वर्ग की है इसलिए देश की विकास उन्नति में उनकी भूमिका अहम है और स्वामी विवेकानंद के आदर्श उनके लिए शक्तिपुंज है। क्रीडा परिषद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रभारी प्रो० मृत्युंजय कुमार ने कहा कि भारत अब जागने लगने लगा है और पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन होने के लिए आगे बढ़ रहा है जिसकी भविष्यवाणी स्वामी विवेकानंद ने की थी। स्वामी जी की सांस्कृतिक चेतना के सर्जक थे । प्रो० दीपक कुमार, प्रो०देवेंद्र प्रताप तिवारी, प्रो० स्वाति कुमारी, प्रो० पंकज कुमार, प्रो० घनश्याम कुमार, प्रो० संजय कुमार, प्रो० सुरेश कुमार प्रो० निखत फ़ातिमा ,प्रो० चंद्रभूषण आदि ने भी संबोधित करते हुए उन्हें भारत का अग्रदूत बताया। उ कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की बातों को उद्धृत करते हुए कहा कि अगर आप भारत को समझना चाहते हैं तो विवेकानंद को पढ़े। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में बड़ा बाबू नागेंद्र प्रसाद, सौरभ श्रीवास्तव ,गौतम कुमार, ई० अभिषेक रंजन, प्रिंस कुमार, उमाकांत जी, सुरेश कुमार ,किशन कुमार, गणेश यादव ,बैजू पासवान, राम अयोध्या पासवान, उमाशंकर सिंह एवं जगदेव राम आदि प्रमुख थे।

परीक्षा देने आए छात्र छात्राओं ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। कोविड महामारी के कारण एक पखवारा तक मनाए जाने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था तथा सादे समारोह में स्वामी जी को याद किया गया। उक्त जानकारी प्रो० ललन कुमार राय ने दी । पूरे कॉलेज परिसर को स्वामी विवेकानंद की उक्तिओं से युक्त दर्जन से अधिक बैनर टांग को छात्र छात्राओं को प्रेरित करने का काम किया गया जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। कॉलेज में परीक्षा देने आए विद्यार्थी उसे बहुत ही ध्यान से पढ़ रहे थे तथा उनके अभिभावकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना.

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