*मन में शब्दों में और जीवन में वो ही लोग तो सदा समा जाते हैं..!*
*अच्छी भूमिका अच्छे लक्ष्य दुरस्त विचार जो जीवन में लाते हैं..!*
*चंदन के वृक्ष कब कहां कभी भी इश्तहार देते हैं अखबारों में..!*
*अपनी दिलकश मह़क से ही वो वृक्षों में सर्वोपरि गिनें जातें हैं..!*
*अमावस्या की रात कुछ जूगनू ख़ुद को मेहताब समझ लेते हैं..!*
*निम्न सोच ओछे संस्कार उसे ऐसी सोच के लिए बरगलाते हैं..!*
*इश्तहार
अपली
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश