लखनऊविचारसंपादकीय

योगी की ‘तपस्या’ का महाकुंभ

योगी की ‘तपस्या’ का महाकुंभ

रिपोर्ट संजय सक्सेना लखनऊ 

साढ़े तीन हजार रनिंग फीट तक ही हो पा रहा था।

 

फेक न्यूज रोकने को डिजिटल वारियर्स  

महाकुंभ में कोई व्यवधान नहीं खड़ा कर पाये इसलिये फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने,साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को इंटरनेट मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए डिजिटल वारियर्स को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के इंटरनेट मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कालेज के छात्रों को जोड़ा गया है। वहीं महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए एआई से लैस कैमरे लगाए गये हैं। योगी सरकार का कहना है कि प्रयागराज में हर 6 साल पर होने वाले कुम्भ या 12 साल पर होने वाले महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सही संख्या गिनने की अभी तक कोई सटीक तकनीक नहीं थी।

 

अस्त्र-शस्त्र संग आवाहन अखाड़े का छावनी प्रवेश

महाकुंभ का आगाज नजर आने लगा है। सुसज्जित रथों, बग्घियों पर सवार नागाओं, संगम की रेती पर 22 दिंसबर 2025 को श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वरों, श्रीमहंतों, नागा सन्यासियों की छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकली तो उनकी एक झलक पाने के लिए लोग उमड़ पड़े। विविध रूप वाले बाबाओं को देखने के लिए लोग कतारबद्ध खड़े रहे। रास्ते भर नागा सन्यासियों के दल शस्त्रों, लाठियों से कलाबाजियां भी करते रहे। छतों, बारजों से पुष्पों की वर्षा होती रही। मड़ौका उपरहार से दिन के 12 बजे भगवान सिद्ध गणेश के पूजन के साथ रथों, बग्घियों, सुसज्जित घोड़ों पर सवार होकर आवाहन अखाड़े के संतों की छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकली।

 

यूनेस्को से कुंभ को मान्यता

वर्ष 2017 में कुंभ मेले को यूनेस्को ने ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ का दर्जा दिया था। महाकुंभ का आयोजन हर 144 साल में यानी 12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद होता है। पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में आता है और इसे इन चारों जगहों पर बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, हर 6 साल में दो जगहों हरिद्वार और प्रयागराज में अर्ध कुंभ मेला भी लगता है। अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ के बीच में आता है।

 

सरकार मीडिया को देर रही महाकुंभ कवरेज की टिप्स  

मीडिया कवरेज के लिए अंग्रेजी और हिंदी में छपे यूपी सरकार के एक ब्रोशर में पत्रकारों और संपादकों को बताया गया है कि महाकुंभ 2025 को कैसे कवर किया जाए, उन्हें किस तरह की स्टोरी करनी चाहिए और इसके लिए वे किससे बातचीत करें व किसका साक्षात्कार लें.महाकुंभ 2025 की तैयारियां 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक के साथ शुरू हुईं. तब से मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के कई दौरे किए. आयोजन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं तैयारियों का जायजा लिया और कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया. दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम की मेजबानी करने के लिए एक अस्थायी शहर, ‘महाकुंभ नगर’ बसाने के लिए यह जरूरी था. इस नए शहर को बनाने के लिए 50,000 से ज़्यादा मज़दूरों ने दिन-रात खुद को समर्पित कर दिया. जहां स्थायी पुल समय पर नहीं बन पाए, वहां अस्थायी चार लेन वाले स्टील पुल बनाए गए. प्रयागराज की ओर जाने वाली सड़कों को चौड़ा किया गया और तीर्थयात्रियों की आमद को ध्यान में रखते हुए उनका सौंदर्यीकरण किया गया. डबल इंजन वाली सरकार ने बेहतर तालमेल के साथ काम किया और यह सुनिश्चित किया कि रेलवे पुल और अन्य बुनियादी ढांचे इस आयोजन की मांगों को पूरा करें।

 

.….जब साक्षी महाराज को कुंभ में नहीं आने दिया गया

निर्मल अखाड़ा अपनी नीति-नियम के प्रति सख्त व समर्पित है। पद भले कितना बड़ा हो, लेकिन गलत कार्य करने वाले को क्षमा नहीं किया जाता। यही कारण है कि बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। साक्षी महाराज निर्मल अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं। 10 फरवरी 1997 में भाजपा के चर्चित नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की फर्रुखाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्याकांड में साक्षी महाराज का नाम जुड़ गया। इस पर अखाड़े ने उन्हें समस्त पदों से हटा दिया। वर्ष 2001 से 2007 तक हुए कुंभ-महाकुंभ में उन्हें शामिल नहीं किया। कोर्ट से बरी होने के बाद पुनः अखाड़े में शामिल किया गया।

 

महाकुंभ पर आतंक का भी साया

एक तरफ केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार महाकुंभ को यादगार बनाने में जुटी हैं तो दूसरी तरफ कट्टरपंथियों की जमातें चुपचाप पर्दे के पीछे से महाकुंभ में षड्यंत्र का जाल बिछा रहे हैं।खुफिया जानकारी के अनुसार महाकुंभ में अप्रिय घटनाओं को अंजाम देने के लिए सीमा पार से भारत के मीर जाफरों की फौज को सक्रिय कर दिया गया है, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में छद्म वेष धारण करके राष्ट्र विरोधी, मानवता विरोधी और समाज विरोधी कार्यों को अपने आकाओं के आदेशों पर निरंतर सम्पन्न कर रहे हैं। आतंक के आकाओं की विध्वंसात्मक सरगर्मियों की जानकारी होते ही शासन ने प्रयागराज में सीबीआई टीम गठित कर दी है जो केमिकल अटैक से निपटने में सक्षम बताई जाती है। इसी तरह बम निरोधी दस्तों की संख्याओं में भी इजाफा किया गया है। साइबर अटैक से निपटने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित की गई है। एनआईए द्वारा विशेष चौकसी बरतने हेतु गुप्त स्थान निर्धारित किये जा चुके है जहां से आयोजन स्थल पर पूरी तरह से निगरानी की जा सकेगी।

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