*ज़िंदगी की जंग से जो कभी भी किनारा नहीं करता..!*
*वह शख़्स तो ज़िंदगी में कभी भी हारा नहीं करता..!*
*यकीन है जिसे ख़ुद पर और उस परमेश्वर पर सदा..!*
*शास्त्र कहता रब उसे कभी बेचारा नहीं करता..!*
*अपना ले हर मुश्किल को वक़्त की मर्जी मानकर..!*
*वो सबकी ज़िंदगी में खुबसूरत नज़ारा नहीं करता..!*
*अंधेरों से जो लड़ा उन्हें ही नसीब हुए हैं उजाले..!*
*अंधेरों से जो डर गया वो दीदारे सवेरा नहीं करता..!*
*किरदार बेहतर रखते हैं वह कब कहां मरते हैं..!*
*सांसे टूट भी जाए पर काल उन्हें मारा नहीं करता..!*
अपली विश्वासू
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
एजूकेशन डायरेक्टर
ग्वालियर मध्यप्रदेश