देवेन्द्र सिंह तोमर प्रतिनिधी
पुणे महाराष्ट्र: वाईन में १४ से २४ प्रतिशत तक अल्कोहल होता है. इसलिए वाईन सौ शराब ही है और वो हेल्थ को हानि पहुंचाती है. सुपर मार्केट और किराणा स्टोअर में वाईन विक्री के खिलाफ हम सबने मिलकर जन आंदोलन शुरू करने की जरूरत है. छात्र, पैरेंट्स, टीचर्स, महिलाएँ, सामाजिक कार्यकर्ता, साधुसंत, कीर्तनकार जैसे लोगो ने एकजुट होना चाहिए, ऐसा आवाहन शाकाहार व व्यसनमुक्ती मुव्हमेंट के कार्यकर्त्ता सर्वजीव मंगल प्रतिष्ठान के संस्थापक डॉ. कल्याण गंगवाल ने पत्रकार वार्ता में किया.
राज्य में महाविकास आघाडी सरकार ने कुछ दिनों पहले सुपर मार्केट व किराणा स्टोअर में वाईन विक्री करने के लिए अनुमति देने का फैसला लिया है. इसी पार्श्वभूमी पर डॉ. कल्याण गंगवाल ने पुणे में पत्रकार परिषद वार्ता कर के इस फैसले का विरोध किया और आंदोलन खड़ा करने का आवाहन किया.
डॉ. कल्याण गंगवाल ने कहा, “वाईन शराब नहीं है, ऐसा प्रचार कुछ लोग कर रहे है. मेडिकल साइंस के हिसाब से यह बहुत ही दर्दनाक बात है. एक डॉक्टर होने के नाते मुझे यह मंजूर नहीं है. जिस डॉ. अनिल अवचट ने अपनी सारी जिंदगी व्यसन मुक्ति के काम में खर्च की उनके देहांत के दिन ही यह फैसला होना, यह बहुत ही दुखदायक है. यह फैसला महाराष्ट्र को मद्यराष्ट्र बनाने की और लिए जा रहा है. असल में समाज का आरोग्य सुदृढ, व्यसनमुक्त बनाने में सरकार का योगदान होना चाहिए, लेकिन सरकार इसको पुरस्कार दे रही है. सुशांत सिंह राजपूत और आर्यन शाहरुख खान के सम्बन्ध में भी सरकार ने अनेक लोगों को बचाने का काम किया है. सरकार का यह काम व्यसनाधीनता को प्रोत्साहन देने वाले और गलत है.”