शिवराज सिंह राजपूत प्रतिनिधि की रिपोर्ट:-
इटावा यूपी: सबाल तो हम करेंगे ..! होली पर अगर किसी भी प्रकार की उचित घटना हो जाती तो उन शिकायतकर्ता का आप किस तरह मदद करते ..!आप तो कपडे उतार कर नाच के नशे में चूर थे..? मगर आप खुद नशीव थे!
थाना कोतवाली जसवंतनगर ,सदर इटावा कोतवाली व लखनऊ थाना अंतर्गत में कुछ इस वर्ष अजब गजब सा लगा रहा है कि दिनाक:18 मार्च की होली थी। हर जगह लोग होली के त्यौहार पर हुड़दंग मचाने मै चूर थे।और कई जगह क जिलों के थानों में कुछ इस कदर की होली कभी नही खेली गई न ही देखी गई ।मगर कुछ समझ में बहार है।
पुलिस प्रशासन को हर राज्य की सरकारों के गृह मंत्रालयों ने हाई अलर्ट पर रखा था। कि दो वर्ष वाद होली के त्यौहार आ रहा है और लाकडाऊन की वजह से होली ही क्या कोई त्यौहार नही मनाएं गये।इसको देखते हुए । होली का त्यौहार शांति पूर्ण रूप से मनाया जाय।
कही किसी प्रकार की घटनाएं न हो।इस तरह का प्रशासन का आदेश था। बिहार सरकार,एमपी सरकार , महाराष्ट्र सरकार व अन्य सरकारों ने आदेश जारी किये थे।
फिर भी होली पर देखने को मिला लोगों कई जगह झगडे हुए और केस भी दर्ज हुएं।
मगर जब पुलिस वाले अपनी मर्यादा को भूल कर ,कपडे उतार कर भोजपुरी ठुमके पर नंगा नाच करने लगे तो पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी ही क्या है।..?
पुलिस प्रशासन अपने कपड़े उतार कर भोजपुरी ठुमके लगा रहे।ठीक उसी तरह थाना जसवंतनगर कोतवाली,सदर कोतवाली इटावा, लखनऊ थाना में पुलिस प्रशासन अपने कपड़े उतार कर डांस कर रहे।
क्या गृहमंत्री ने यही आदेश दिया था कि आप होली फर आंख बंदकर मनाना।
अगर होली मनानी थी तो होली मनाने के कई तरीके होते है।
होली कपड़े पहनकर भी रंग गुलाल एक दूसरे के लगाकर गले मिलकर मना सकते थे।
कहावत है।
(मगर क्यों मनाएं, सैंया भए कोतवाल अब हमें डर काहे का )
लोग तरह तरह की बातें कर रहें हैं.!क्या इस प्रकार जिन जिलों के थानों में इस प्रकार होली खेलना क्या उचित है।इसका जबाव जिला अधिकारी या गृह मंत्रालय के पास है क्या..?
आप तो कपडे उतार कर नाच के नशे में चूर थे इसका जिम्मेदार कोन ..! क्या जिन जिन पुलिस थाना में इस तरह का नाच हुआ इस पर सवालिया निशान खडे हो रहे है।इस पर रिएक्शन क्या होगा.!