*हर रोज रंग पंचमी हो सकती है.. बस जरूरत है तो अपनी सोच को रंगीन बनाने की.. राम और रावण कृष्ण और कंस में अगर फर्क था तो वह उनकी सोच का.. सोच से ही बेहतर जीवन बनता है और सोच से ही कमतर.. इसलिए सोच को रंगीन बनाएं और हर दिन रंग पंचमी का मजा ले.. और हो सके तो मेरे मशवरे पर ग़ौर फरमाएं..!*
*बिखरे हुए रिश्ते को बस आज आवाज दे देना..!*
*बेसुरी सी ज़िंदगी को तू आज सुरमय साज दे देना..!*
*बदरंग जिंदगी फिर से रंगमय हो जाएगी देखना..!*
*कमल जो कह रहा है उसे बस वो अंदाज़ दे देना..!*
*तेरा आज ही आने वाले कल की तक़दीर लिखता है..!*
*जीवन निखारना है तो ख़ुद को बेहतरीन आज दे देना..!*
*राम रावण कृष्ण कंस ये सब सोच से ही बनते हैं..!*
*राम कृष्ण बनना है तो सोच के सर उच्च ताज दे देना..!*
*मशहूर हो जा या तबाह सब तेरे हाथ में है मानव..!*
*तेरे किस्से हर ज़ुबां पे हो जीवन को वो काज दे देना..!*
अपकी अपनी
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश