सीतामढ़ी

जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्षता में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का जिले में क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्षता में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का जिले में क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

सीतामढी बिहार (वि.स.):जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति सुनील कुमार यादव की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का जिले में क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। उद्घाटन के उपरांत उप विकास आयुक्त द्वारा SLWM से संबंधित पी0पी0टी0 के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी दी गई। जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा कि
हमारे यहां कई टन कचरा रोज निकलता है जिसका निस्तारण सही ढंग से नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में घरेलू कचरों के साथ-साथ प्लास्टिक, मेडिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक कचरा एक विकराल समस्या बनी हुई है।
कचरे से हमारे पानी और हवा के साथ-साथ जमीन भी प्रदूषित हो रहा है।

जिसके कारण पर्यावरण संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है, शहर में नगर निकाय द्वारा कचरा का संग्रहण तो किया जा रहा है परंतु ग्रामीण स्तर पर अभी भी इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
इसी को दृष्टिकोण में रखते हुए कचरा का समुचित निपटान के लिए स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण (2020-24)का शुरुआत किया गया है।
द्वितीय चरण में पंचायत एवं गांव स्तर पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण के साथ-साथ समुदायिक एवं घरेलू कम कंपोजिट पिट, वायो गैस संयत्र, सोक पिट, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब,‌ विकेंद्रीकरण अपशिष्ट संसाधन उपकरण, अपशिष्ट संग्रहण और पृथकरण शेड, तीन या चार पहिया अपशिष्ट संग्रहण परिवहन वाहन आदि की भी व्यवस्था की जानी है। इसी संदर्भ में आज का यह उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में ठोस एवम तरल अपशिष्ट प्रबंधन परिसंपत्तियों के निर्माण हेतु स्थल चयन को लेकर जिलाधिकारी ने विस्तार से जनकारी देते हुए कहा कि जल जमाव आदि का ध्यान रखते हुए स्थल चयन करना है। इसके अतिरिक्त कार्य योजना के अनुसार वार्ड /ग्राम पंचायत मानव बल का चयन, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन संबंधित उपकरणों/ सामग्रियों का खरीद, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन कार्य योजना के अनुरूप राशि का व्यय, परिसंपत्तियों का निर्माण एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर दस्तावेजी करण के संबंध में भी पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई।

उक्त के एक दिवसीय कार्यशाला में उप विकास आयुक्त विनय कुमार, निदेशक डीआरडीए मुमुक्षु कुमार चौधरी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी अविनाश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी सीडीपीओ, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा),सभी प्रखंड पंचायती पदाधिकारी(BPRO), सभी बीपीएम(जीविका), सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड समन्वयक (LSBA) उपस्थित* थे।

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