शिक्षा से चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होना चाहिए
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की राय; नई शिक्षा नीति 2020 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन
देवेन्द्र सिंह तोमर प्रतिनिधी
पुणे :नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक ऐसी नीति है जो भारतीय शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है. निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों और सरकार के साथ समन्वय में रोजगारोन्मुख शिक्षा और उद्यमिता पैदा करने का प्रयास हो रहा है. शिक्षा को समग्र दृष्टिकोण से प्रदान किया जाना चाहिए, तबि चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होगा, ऐसा मत महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री. भगत सिंह कोश्यारी ने व्यक्त किया.
एजुकेशन प्रमोशन ऑफ इंडिया (ईपीएसआय) और एमआईटी आर्ट, डिझाईन एंड टेक्नॉलॉजी युनिवर्सिटी, पुणे की ओर से आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे: निजी क्षेत्र में प्रभावी कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस समय एआईसीटी के चेअरमन प्रा. अनिल सहस्त्रबुद्धे, ईपीएसआई के अध्यक्ष डॉ. जी. विश्वनाथन, एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष एंवम कुलपति प्रा. डॉ. मंगेश कराड, डॉ. एम. आर. जयराम, डॉ. एच चतुर्वेदी और एस. मालारविडी आदि उपस्थित थे.
राज्यपाल श्री. भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम स्तर तक ले जाने का कार्य ऐसे राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से होगा. निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय नीति को सभी स्तरों पर ले जाने के लिए काम करना चाहिए. अंग्रेजी के अलावा सभी प्रकार के पाठ्यक्रम स्थानीय भाषाओं में पढ़ाए जाने चाहिए. शिक्षा के प्रति समग्र दृष्टिकोण होना चाहिए. रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ उद्यमिता की शिक्षा दी जानी चाहिए. स्थानीय से वैश्विक शिक्षण विधियां होनी चाहिए. शिक्षा से मानव कल्याण और चरित्र निर्माण किया जाना चाहिए.
प्रा. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कोरोना महामारी ने शिक्षा क्षेत्र में कई समस्याएं पैदा की हैं. इस समय ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा दी जा रही थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु निजी क्षेत्र एवं सरकार के समन्वय से कार्य किया जा रहा है. यह नीति छात्रों के समग्र विकास और विभिन्न विषयों में उनकी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. समग्र दृष्टिकोण और विभिन्न विषय इस नीति की विशेषताएं हैं.
प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि बदलती दुनिया के साथ भारत में शिक्षा व्यवस्था बदलनी चाहिए. नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए. छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा नीति का विभिन्न अंगों द्वारा विचार-विमर्श किए जाने की आवश्यकता है.डॉ. जी विश्वनाथ ने कहा कि ईपीएसआई सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वागत करता है. निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों ने इसके प्रसार और कार्यान्वयन के लिए पहल की है. EPSI सरकार की नीति के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य कर रहा है. हम भारत में विश्व स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं. सरकार को शिक्षा पर कुल जीडीपी खर्च बढ़ाना चाहिए.