इटावा यूपी :जिला इटावा के गांव नगला रामसुंदर में रविवार के दिन में दस से पंद्रह इसाई मिशनरी के लोग आये थे जिसमें कुछ महिला भी शामिल थी, हमें वताया कि बाल्मिकी समाज के गरीब लोगो को,धर्म परिवर्तन करने के लिये हृदय व परिर्तन करने का काम कर रहे थे। यह बात हमें वताई गई।,
जव इसकी भनक स्थानीय लोगों को लगी ।तब हम भी वहा पे गये तो हमने देखा। तब बायबल रखकर प्रवचन चल रहा था। और तमाम धर्म परिवर्तन करने के नये नये ,कपडे चुनरी रखे हुए थे।
दूसरी तरफ पुलिस ने किसी तरह का धर्म परिवर्तन नही हो रहा था, ऐसा कहा है.नगला रामसुंदर थाना बलरई इटावा में वाल्मीकी वस्ती में जाने के बाद वहा के लोगो से बात किया. तब वंहा उपस्थित लोंगो ने कहा हमारी बिमारी येशूने कम किया है ।
(अगर येशू बीमारी ही ठीक कर देते तो फिर हाॉस्पिटल काम ही नही)
वाल्मिकी समाज पीडित था, ऐसा पुलिस के द्वारा कहा गया है लेकिन यह बात को नगला राम सुंदर गांव के लोगो ने इनकार किया है. इसके पहले गरीब राजपुर गांव में कुछ लोगों ने अपनाया है ऐसा भी कहा गया . इसाई लोगों की यही साजिश और मानसिकता है, कि ऐसे गरीब लोगों को लोवन प्रलोबन लालच,बडे बडे सपने की बातें कर वहला फुसलाकर धिरे-धिरे धर्म परिवर्तन करने के कोशिश लगातार किया जा रहा है. *हम विडियो बना रहे थे, तो पुलिस ने मिडिया को भी विडियो नही बनाने दिया तब हमारा और पत्रकारों का मोबाईल पुलिस ने छिनकर कर विडियो मोबाइल से डिलीट कर दिया सबूत मिटा दिया . ऐसा आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है, इतना ही नही और कुछ लोकल मिडिया पत्रकारों को भी डर दिखाकर विडियो नही बनाने दिया।
*******विडियो अवश्य देखें…
बहला फुसला ,पैसे का लालच देकर बडे-बडे सपने गाडी घोडा पैसे से माला माल का लालच दिखाकर कर उनको अपने बाल्मिकी समाज से बेदखल कर रहे ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर कर रहे थे। यह भनक गांव वालों को लगी और गांव वालों ने तुरंत पुलिस को फोन किया और पुलिस थाना बलरई सीओ व इटावा के एसपी उच्च अधिकारी विलंब न किये बिना मौके पर पहुंच गए और उनमें के कई लोगों को अपनी हिरासत में ले लिया है.
कोई भी धर्मपरिवर्तन नही हुआ वाल्मीक समाज के लोग थे, उनकी पहचान-पत्र देखा गया है.तो ऊन सबका नाम हिंदू थे, उन्होने कोई भी धर्म परिवर्तन नही किया. उनसे पुछताछ की है,और पुजा-अर्चना करते है, ऐसी बात सामने आयी।
पुलिस का सौतेला व्यवहार
सबसे पहले पुलिस ने गलत जानकारी दी। ईसाई लोगों को हिरासत में लेकर छोडा क्यों… जबाव दो..?
सीजीओ संपर्क नंबर थाना बलरई एसओ पुलिस कार्यालय द्वारा सौतेलापन दिखने को मिला
मुख्यमंत्री व जिला अधिकारी एसपी आदि को पुलिस थाना वलरई की शिकायत की गई तो आनन फनन में मामला दर्ज कर पुत्र और बहू को गिरफ्तार कर लिया इसमें गांव के अरूण कुमार,उनकी पत्नी नीतू बाल्मीकि और पिता मनोज बाल्मिकी गिरफ्तार कर लिया ।
बलरई थाना के एसओ धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामले को छुपाते रहे।और उन्होंने मिडिया व उच्च अधिकारियों को सही जानकारी नही दी और कहते रहे हमने सब आईडी चेक की तो धर्मांतरण का मामला न होने की वात कही थी ।
20 से 25 लोगो में से सिर्फ चार ही लोग क्यों हिरासत में वाकी को क्यों छोडा…?
और कहा उन सबको छोड दिया।..?
पुलिस ने पहले छोडा क्यों..? , फिर दो दिन वाद मुकदमा दर्ज किया और फिरोजाबाद से उठाकर लाये इसका क्या कारण है…
क्या पुलिस मामला रफा-दफा करने की कोशिश कर रही थी..?
मुकदमा संख्या व धार एक्ट क्या क्या लगाई गई उसकी जानकारी क्यों नहीं दी …?
पहले छोड ही क्यों दिया जबाव दो..?
जब बीस से पच्चीस लोगा की गेंग थी ।
इसमें कुछ तो गडबड है।..?
पुलिस प्रशासन सभी धाराओं का खुलासा करें ।
थाना बलरई से फोन पर गलत जानकारी देने वाले अधिकारी पर कडी कार्यवाही कर निलंबित किया जाय..? जिससे भविष्य में इस तरह का सौतेला व्यवहार पुलिस प्रशासन किसी मिडिया कर्मी के साथ न करें।