*जो पास है उस में कोई ख़ुश हैं तो मधुमास है ज़िंदगी..!*
*अगर लालसा ने हाथ थाम लिया तो बकवास है ज़िंदगी..!*
*जिसे हद में रहकर जीना आ गया वहीं तो सयाना है..!*
*हद से गुज़रा उसके लिए तो बुरा एहसास है ज़िंदगी..!*
*बिना मकसद जो सांसे लेता है वो ज़िंदा लाश हैं..!*
*जीने का मकसद मिला तो फिर ख़ास है ज़िंदगी..!*
*बीते वक्त से सीख ले के आज को बेहतर किया..!*
*तो फ़िर भविष्य में कभी न बनी परिहास है ज़िंदगी..!*
*उजाले भीख में नहीं मिलते इन्हें कमाने पड़ते हैं..!*
*उजालों की भूख है तो उसके लिए पूर्णमास हैं ज़िंदगी..!*
आपकी अपनी
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश