जनपद में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु निरोधात्मक कदम उठाया जाना आवश्यक-
इटावा यूपी : अपर जिला मजिस्ट्रेट जय प्रकाश ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ द्वारा कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश द्वारा निर्गत गाइडलाइन्स/दिशा निर्देश एवं शासनादेश 458 के क्रम में दि. 02 अप्रैल को चेटी चन्द, दि. 05 अप्रैल को महर्षि कश्यप एवं महाराजा निषादराज गुह्य जयन्ती, दि. 10 अप्रैल को रामनवमी, दि. 14 अप्रैल को डा. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्मदिवस/महावीर जयन्ती, दि. 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे, दि. 16 अप्रैल को ईस्टर सैटरडे, दि. 17 अप्रैल को चन्द्रशेखर जयन्ती, दि. 18 अप्रैल को ईस्टर मंडे एवं दि. 29 अप्रैल को जमात उल विदा एवं माह अप्रैल में आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं तथा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक निर्वाचन के दृष्टिगत जनपद में असामाजिक व्यक्तियों/तत्वों द्वारा शान्ति व्यवस्था को भंग करने के विषय में गोपनीय के आधार पर समाधान हो गया है कि जनपद में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु निरोधात्मक कदम उठाया जाना आवश्यक है। चूंकि समय कम है ऐसी परिस्थिति में आदेश का तामीला संबंधित व्यक्ितयेां पर व्यक्ितगत रूप से किया जाना सभ्भव नहीं है, ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए एक पक्षीय रूप से दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत अधिकारों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा लागू की जाती है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि उक्त आदेश अवधि में पांच या पांच से अधिक संख्या में किसी भी स्थान पर विधि विरूद्ध लोगो का एकत्रित हेाना ,चलना वर्जित है, कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, अस़्त्र-शस्त्र,लाठी,डंडा, चाकू अथवा अन्य कोई तेज धार वाला शस्त्र चाकू (जिसका फन ढाई इंच से अधिक हो) पटाखे,बम और अन्य किसी प्रकार का बारूद अथवा बिना बारूद वाला शस़्त्र जिसका प्रयेाग हिंसा के लिए किसा जा सकता है, को लेकर नहीं चलेगा और ना ही ईंट ,पत्थर रोड़े आदि एकत्रित कर किसी भी प्रकार से मार्ग अवरोध किया जायेगा बिना अनुमति के केाई व्यक्ति भी उत्तेजनात्मक भाषण नहीं देगा जिससे कानून व्यवस्था भंग होने का अंदेशा हो। केाई व्यक्ति इलेक्ट्रानिक संचार माध्यम अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी किसी खबर को सृजित अथवा विस्तारित नहीं करेगा जिससे किसी व्यक्ति की भावनाओ को ठेस पहुंचे।
यह आदेश सम्पूर्ण जनपद में 30.04.2022 तक लागू रहेगा, यदि इससे पूर्व अपास्त न कर दिया जाये। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा- 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
–