विचार

कोई दूसरा किसे अप्रैल फूल बनाए तो हर किसी को असहज लगता..

*1 अप्रैल..*
*कोई दूसरा किसे अप्रैल फूल बनाए तो हर किसी को असहज लगता है.. पर 99% लोग रोज ही अपने आप को अप्रैल फूल बना रहे हैं.. वही सच्चाई बयां कर रही

*मशहूर होने का अरमान है और चरित्र में ढीलापन रखता है..!*
*आजकल का मानव किरदार में कितना दोगलापन रखता है..!*

*हसरत यह है कि सदा ये ज़माना उसे सर आंखों पे बिठाए..!*
*पर कैसे मुमकिन हो जो अपनी जुबां में ओछापन रखता है..!*

*रिश्ते किस्तों में निभाते वो रिश्तो की अहमियत क्या जाने..!*
*वो रिश्ते बिखर जाते जो इनकी नींवों में खोखलापन रखता है..!*

*नज़र में आने के लिए नज़र में साफ पन होना बड़ा ज़रूरी है..!*
*वो नज़र से उतर ही जाते जोकि इसमें मेला पन रखता है..!*

*सपनों का पोषक बन उन्हें सदा जो पोषित करता है
*उनके लिए उम्र मायने ना रखती जो इरादें जवान रखता है..!*

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