लक्ष्मणबाग संस्थान में होगा भव्य रामकथा का आयोजन
रीवा एमपी: लक्ष्मणबाग संस्थान में आगामी 12 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भव्य रामकथा का आयोजन किया जाएगा। आयोजन की व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि लक्ष्मणबाग धार्मिक आस्था का केन्द्र है। संस्थान व शहरवासियों के सहयोग से भव्य रामकथा का आयोजन यहाँ की भव्यता को बढ़ाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि रामकथा के आयोजन से नए धार्मिक वातावरण का निर्माण होगा और लोगों का जुड़ाव भी होगा। उन्होंने अपेक्षा की कि इस आयोजन में सभी की सहभागिता सुनिश्चित हो और जिन्हें जो कार्य सौंपा जाए वह पूरी तन्मयता से उसका निर्वहन करे।
बैठक में पूर्व मंत्री श्री पुष्पराज सिंह ने कहा कि लक्ष्मणबाग मंदिर में दर्शन से चारधाम की यात्रा पूर्ण मानी जाती है। पूर्व मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल जी के प्रयासों से यह संस्थान व इसका परिसर भव्य बन रहा है तथा इसकी परिसम्पत्तियां भी सहेजी जा रही हैं। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष एवं कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि लक्ष्मणबाग संस्थान के पुराने वैभव व ख्याति को स्थापित करने के कार्य प्राथमिकता से हो रहे हैं। सभी के सुझावों और विचारों के अनुरूप सहयोग से ही भव्य आयोजन संपन्न हो सकेगा। लक्ष्मणबाग संस्थान की देश में जो परिसम्पत्तियां हैं उन्हें सहेजने व आधिपत्य में लेने के प्रयास किए जा रहे हैं और उनमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होंने कहा कि संस्थान में गौवंश के उपचार की सुविधा शीघ्र शुरू कराई जाएगी। लक्ष्मणबाग संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसडीएम हुजूर अनुराग तिवारी ने बताया कि 12 अप्रैल को भव्य कलश यात्रा महामृत्युंजय मंदिर से प्रारंभ होकर लक्ष्मणबाग पहुंचेगी और उसी दिन से रामकथा का शुभारंभ होगा। इससे पूर्व आयोजन समिति के प्रबंधक जिला गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने कथा आयोजन तथा आयोजन हेतु विभिन्न समितियों के माध्यम से सौंपी गई जिम्मेदारियों के बारे में संबंधितों को अवगत कराया। बैठक में गणमान्यजनों ने अपने बहुमूल्य सुझाव भी दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, जयंत खन्ना, डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी, पचमठा आश्रम के स्वामी ब्राम्हचारी जी सहित शहर के गणमान्य नागरिक, स्वयंसेवी, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।