देवेन्द्र सिंह तोमर प्रतिनिधी-
रामनवमी पर रामेश्वर (रुई) में निकलेगी ‘श्रीराम’ रथ यात्रा
विश्वशांति केंद्र (आलंंदी), माईर्स एमआईटी का आयोजन
पुणे :भारतीय संस्कृति, परंपरा, दर्शन, त्याग और समर्पण के मूर्तिमंत प्रतिक तथा भारतीयों के पूजा स्थल मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभू श्रीराम जन्म समारोह को लेकर विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआइटी, पुणे एवं रामेश्वर (रूई) ग्राम की ओर से रामनवमी के अवसर पर १० अप्रैल की सुबह सवा आठ बजे ‘श्रीराम’ रथ यात्रा का आयोजन किया गया है. यह रथयात्रा लातूर जिले के रामेश्वर (रुई ) में निकलेगी. ऐसी जानकारी विश्वशांति केन्द्र (आलंदी) एवं माईर्स एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड एवं माईर्स एमआईएमएसआर मेडिकल कॉलेज के कार्यकारी संचालक तथा विधायक रमेशअप्प कराड ने दी. साथ ही उन्होंने सभी भक्तों से अपील की है कि वे इस रथ यात्रा में बढ़चढ़कर शामिल हो.
समारोह में महान दार्शनिक, वैचारिक एवं बौध्द धर्म के अध्ययनकर्ता डॉ. भदंत राहुल बोधी महाथेरो एवं विश्वविख्यात वैज्ञानिक डॉ. विजयकुमार दास सम्माननीय मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे.
समारोह के अलावा ९ अप्रैल को हभप बजरंग महाराज फड का कीर्तन होगा. पूर्णब्रह्मयोगिनी त्यागमूर्ती श्रीमती प्रयागअक्का दादाराव कराड ने श्रीराम मंदिर को अर्पीत किए सुंदर एवं विशेषतापूर्ण ऐसे भारतीय संस्कृति का दर्शन श्रीराम रथ, मानवतीर्थ के रुप में साकार हुए रामेश्वर ग्राम की प्रदक्षिणा सुबह सव्वा आठ बजे निकलेगी. पश्चात सुबह १० बजे हभप बालयोगी हरिहर महाराज दिवेगावकर (बनकरंजा,तह. केज) के काल्याका कीर्तन तथा महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा.
इस ग्राम की विशेषता यह है कि यहां पर हिंदू-मुस्लिम एवं अन्य सभी धर्मीयों के परस्पर सहयोग से निर्मित किए काफी सुंदर एवं आकर्षीत श्री राम मंदिर, हजरत जैनुद्दीन चिस्ती दर्गा तथा जामा मस्जिद यह हिंदू तथा मुस्लिम एकता तथा राष्ट्रीय एकाता का प्रतिक है. यह ग्राम सच्चे अर्थ में ज्ञान केंद्र के रुप में उभकर आनेवाला है. यहां पर निकलनेवाले श्रीराम रथ यात्रा मुस्लिम बंधुओं की ओर से बडे ही हर्षोल्हास के साथ स्वागत किया जाता है.
यहां पर श्रीराम मंदिर के साथ साथ सोनावला नदी के किनारे गोपालबूवा महाराज का मंदिर, हजरत जैनुद्दीन चिस्ती दर्गा तथा जामा मस्जिद, ‘विश्वधर्मी श्रीराम-रहीम मानवता सेतू’ एवं तथागत भगवान गौतम बुध्द विहार व भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मृति विश्वशांति भवन अद्वितीय वास्तू है. इसलिए रामेश्वर (रूई) हे गाव सच्चे अर्थ में मानवतिर्थ के रूप में पहचाना जाएगा.