मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से दिए फसल विविधीकरण के निर्देश
प्रदेश भर में जलाभिषेक अभियान का 11 अप्रैल को होगा शुभारंभ
रीवा एमपी: वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून और व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को फसल विविधीकरण तथा जलाभिषेक अभियान के संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मनरेगा से संचालित कार्यों, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती के तरीके को बदलने की आवश्यकता है। केवल परंपरागत अनाजों की खेती से किसान की आमदनी में अपेक्षित वृद्धि नहीं होगी। बाजार की माँग के अनुसार किसान को खेती करनी चाहिए। अब गेंहू और धान के स्थान पर कोदौ, कुटकी, रागी, विभिन्न मसाले तथा फल-सब्जियों की खेती अधिक लाभदायक है। इसके लिए फसल विविधीकरण को अपनाना होगा। हर जिले के लिए कार्य योजना तैयार करें। बाजार में जिन अनाजों और उनकी विशेष किस्मों की मांग है उस खेती को बढ़ावा दें। खाद्यान्न तथा अन्य पदार्थों का निर्माण करने वाली कंपनियों से किसानों को सीधे जोड़ें जिससे किसान को अधिकतम लाभ मिल सके। दलहन, तिलहन फसलों तथा मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दें। फसल विविधीकरण का कार्य अभी केवल कुछ जिलों तक सीमित है। इसे हर जिले में करने की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण से ही पर्यावरण का संरक्षण होगा। पूरे प्रदेश में 11 अप्रैल को जलाभिषेक अभियान का शुभारंभ होगा। इस दिन प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रात: 9 बजे जल यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद जल सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जल संरक्षण के एक कार्य का भूमिपूजन होगा। सभी ग्राम पंचायतों में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के सजीव प्रसारण की व्यवस्था कराएं। प्रधानमंत्री जी के आवाहन पर हर जिले में 75 अमृत तालाब बनाए जा रहे हैं। इनका निर्माण कार्य भी तत्काल प्रारंभ कराएं। इनके निर्माण में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के साथ-साथ आमजनता का सहयोग प्राप्त करें। अब तक प्रदेश में 5580 तालाब चयनित किए गए हैं। पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए लागू पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान का भी प्रभावी क्रियान्वयन करें। जल संरक्षण के प्रत्येक कार्य का फोटो पोर्टल में अनिवार्य रूप से अपलोड कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा योजना में मजदूरी का भुगतान तय समय सीमा में कराएं। अधूरे निर्माण कार्यों को समय सीमा में पूरा कराकर पूर्णता प्रमाण पत्र अपलोड कराएं। सुदूर सड़क निर्माण के कई कार्य बड़ी संख्या में अधूरे हैं। भिंड, नरसिंहपुर तथा दतिया जिले में सुदूर सड़क के अधूरे निर्माण कार्यों की जांच राज्य स्तरीय दल से कराएं। इनमें दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करें। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में इस योजना से 12973 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण की मंजूरी मिल गई है। इस योजना में श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों तथा इंजीनियरों को सम्मानित करें। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।