रीवा

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला आयोजित बेरोजगारी और गरीबी मिटाने के लिए खेती को लाभदायक बनाना आवश्यक – श्री शुक्ल

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला आयोजित
बेरोजगारी और गरीबी मिटाने के लिए खेती को लाभदायक बनाना आवश्यक – श्री शुक्ल

रीवा एमपी: फसल के विविधीकरण को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग तथा कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा श्री राजेन्द्र शुक्ल ने किया। कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती से संबंधित कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती के संबंध में उद्बोधन दिया। कार्यशाला में जिला पंचायत सदस्य लल्लूलाल कुशवाहा, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, सहायक संचालक प्रीति दुबे, कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजय पाण्डेय तथा बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। कार्यशाला में सांसद श्री जनार्दन मिश्र ने किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक अपनाने तथा प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि खेती सर्वाधिक व्यक्तियों को रोजगार का अवसर देता है।

कार्यशाला में पूर्व मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा जिला ही नहीं पूरे विन्ध्य क्षेत्र में बाणसागर बांध का पानी पहुंचने के बाद खेती में अभूतपूर्व विकास हुआ है। यहाँ गेंहू और धान का उत्पादन कई गुना बढ़ गया है। किसान जब समृद्ध होता है तो उसका असर पूरे समाज और अर्थतंत्र पर दिखता है। बेरोजगारी और गरीबी को मिटाने के लिए खेती को लाभ का व्यवसाय बनाना आवश्यक है। वैज्ञानिकों की सलाह तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एवं प्राकृतिक खेती को अपनाकर इसे लाभदायक बनाया जा सकता है। विन्ध्य क्षेत्र के किसान यदि समय पर धान और उसके बाद गेंहू की बोनी कर दें तो गर्मी में मूंग की फसल ली जा सकती है। जिस तरह किसी व्यवसाय को स्थापित करने के लिए पर्याप्त निवेश किया जाता है उसी तरह खेती में भी अधिक निवेश की आवश्यकता है। किसान सहकारी बैंकों से पर्याप्त मात्रा में कृषि ऋण लेकर खेती में सुधार करें।

पूर्व मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा में भी कई किसानों ने खेती के क्षेत्र में शानदार सफलता प्राप्त की। रकरी गांव के निवासी स्वर्गीय धर्मजय सिंह ने फूलों और स्ट्राबेरी की खेती करके करोड़ों रुपए कमाए। बाजार की मांग के अनुसार जब खेती की जाएगी तब किसान को अधिक लाभ होगा। रीवा जिले में सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। सरकार ने सेमरिया माइक्रो सिंचाई परियोजना तथा त्योंथर सिंचाई परियोजना को मंजूरी दे दी है। इससे हजारों हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी,। सिंचाई की सुविधा बढ़ने से खेती और उद्यानिकी का विकास होगा।

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