विचार

हैसियत की जमीं दिखाई ना दे इतना ना उड़ आसमान में..!

*हैसियत की जमीं दिखाई ना दे इतना ना उड़ आसमान में..!*
*मगरूर लोगों का इलाज लिखा है कुदरत के संविधान में..!*

*हैसियत से बड़ी बातें करने वालों की बड़ी ही दुर्दशा होती है..!*
*इसलिए ये मानव तू सदा ही रहना अपने हद के परिधान में..!*

*बल और शस्त्र विद्या में रावण दुर्योधन कहां किसी से कम थे..!*
*इन जैसे कितने अभिमानी मारे गए हैं अब तक झूठे गुमान में..!*

*ना जाने कब वह मांग ले यह सांसे जो तेरे पास है उधार की..!*
*हर पल नेकी से गुज़ार बदी प्रवेश न करें जिस्म के मकान में..!*

*मोहब्बत की जमीन पर ही अमन की फसलें उगा करती है..!*
*मोहब्बत की बेल पल्लवित नहीं होती नफरत के गुलदान में..!*

अपकी अपनी
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश

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