खेलखेल-जगत

राष्ट्रीय लाठी प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजि

विकेश कुमार पूर्वे प्रतिनिधी सीतामढी-
राष्ट्रीय लाठी प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित

परंपरागत लाठी स्पोर्ट्स एसोसिएशन सीतामढ़ी के तत्वाधान में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर लाठी खेल प्रतियोगिता में चयनित सीतामढ़ी सहित बिहार के खिलाड़ियों का सम्मान समारोह का आयोजन जननायक कर्पूरी छात्रावास सीतामढ़ी के सभागार में एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सह छात्रावास अधीक्षक विनोद बिहारी मंडल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। संचालन सचिव तारकेश्वर जी ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों डॉ प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी विधान पार्षद, अदिति कुमारी अध्यक्षा जिला परिषद, सतीश कुमार जायसवाल जिला कल्याण पदाधिकारी, ललित कुमार सिंह डीसीएलआर, नीरज कुमार गोयनका टीम लीडर रक्तदाता समूह, ब्रजमोहन मंडल पूर्व प्राचार्य, अमरेंद्र कुमार बी डी ओ डुमरा ,डॉ सुबोध कुमार महतो डॉ संजय कुमार ,प्रो शशिभूषण प्रसाद सिंह , परंपरागत लाठी स्पोर्ट्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश कुमार झा ,प्रदेश सचिव मनीष कुमार, टेक्निकल डायरेक्टर प्रमोद कुमार झा ,के द्वारा संयुक्त रुप से विगत 14-15 मई को राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय लाठी खेल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त बिहार के सीतामढ़ी के अंकित कुमार, नीलांबर कुमार सुपौल के मोहम्मद शाहबाज ,भागलपुर की बी मुस्कान नताशा, सहरसा के दीपक कुमार, एवं राजा कुमार ,दरभंगा के अमित कुमार शर्मा, एवं सिल्वर मेडल प्राप्त सीतामढ़ी के राजू कुमार एवं अनीश कुमार, भागलपुर की मेहर प्रवीण ,एवं राहुल कुमार सहरसा के मोहम्मद अताउल्ला समस्तीपुर के विवेक कुमार तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कर्पूरी छात्रावास सीतामढ़ी के गोल्ड मेडल खिलाड़ी नीलांबर कुमार, राजू कुमार एवं मनीष कुमार ।सिल्वर मेडल प्राप्त भाग्य नारायण कुमार कांस्य पदक प्राप्त श्याम नंदन कुमार, सुशील कुमार, अमृत कुमार एवं पिंकू कुमार सहित अन्य जिलों के राज्य स्तर पर चयन के पश्चात राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले सभी चयनित खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह साल एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 1 मई को सीतामढ़ी जिला स्तर पर आयोजित लाठी खेल प्रतियोगिता में शामिल एवं चयनित खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सभी खिलाड़ी दिनांक 25 एवं 26 जुलाई को नेपाल के काठमांडू में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय दक्षिण एशियाई लाठी स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस अवसर पर सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उद्घाटनकर्ता डॉ प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी ,विधान पार्षद ने कहा कि लाठी हमारे पूर्वजों का परंपरागत हथियार रहा है ।आजादी की लड़ाई में लाठी के सहारे ही अंग्रेजों से लड़ाई संभव हुई। लाठी बांस से बनता है इस खेल के विकास से पर्यावरण एवं इको सिस्टम मजबूत होगा । लाठी खेल से व्यक्तिगत सुरक्षा , दुश्मनों से सुरक्षा,एवं अपराधियों से सुरक्षा करने का मुख्य गैरलाइसेंसी हथियार है।उन्होंने लाठी खेल को बिहार सरकार से संरक्षण एवं उसके खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में विशेष अधिकार दिलाने हेतु यथासंभव मदद करने का भरोसा दिया। और आगामी नेपाल के काठमांडू में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय लाठी खेल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी खिलाड़ियों को हार्दिक शुभकामना दी।
मुख्य अतिथि अदीति कुमारी अध्यक्ष जिला परिषद सीतामढ़ी ने कहा की लाठी खेल में लड़कियों का प्रतिनिधित्व महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ता हुआ कदम है। उन्होंने परंपरागत लाठी खेल में व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु लड़कियों को भी जोड़ने की अपील की।
विशिष्ट अतिथि, ललित कुमार ,डीसीएलआर, पुपरी ने कहा कि लुप्त होते जा रहे हैं परंपरागत लाठी खेल में सीतामढ़ी जिला से खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करना गौरव की बात है। उन्होंने छात्रों से खेल के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी परचम लहराने की अपील की। सतीश कुमार जायसवाल ,जिला कल्याण पदाधिकारी सीतामढ़ी ने कर्पूरी छात्रावास सीतामढ़ी में आवासीत एवं छात्रावास अधीक्षक श्री मंडल जी के निर्देशन में छात्रों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयन होने पर गौरवान्वित महसूस किया।
नीरज कुमार ,टीम लीडर ,रक्तदाता समूह, सीतामढ़ी ने घर में अगर सांप आ जाए तो सबसे पहले लाठी याद आता है। उन्होंने जीवन भर साथ निभाने वाले परंपरागत लाठी खेल को केंद्र एवं राज्य सरकार से संरक्षण, आर्थिक सहयोग,एवं प्रोत्साहन देने हेतु आवश्यक जरूरी पहल करने की अपील की।
डॉक्टर संजय कुमार, ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आने जाने एवं खेलने के लिए सरकार से आर्थिक मदद करने की अपील की।
डॉक्टर सुबोध कुमार महतो ,ने कहा कि लाठी बुढ़ापे का भी सहारा होता है विभिन्न प्रकार के त्यौहार जलसा, झंडा, ताजिया में ग्रामीणों के बीच परंपरागत लाठी का खेल आज भी इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने खेल के प्रति जागरूक लोगों से लाठी खेल को बढ़ावा देने के लिए सभी तरह के सहयोग करने की अपील की।
शैलेश कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष ,बिहार पारंपरिक लाठी स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने कहा कि लाठी अहिंसा का प्रतीक है जिसको लेकर गांधीजी ने अंग्रेजो को खदेड़ दिया। लाठी जन्म से मरण तक आम लोगों के जीवन में काम आता है। लेकिन आज आधुनिकता के इस दौर में परंपरागत लाठी खेल लुप्त होते जा रहे हैं। उन्होंने परंपरागत लाठी खेल के प्रोत्साहन के लिए सरकार विभाग एवं समाज को आगे आने की अपील की।
मनीष कुमार, प्रदेश सचिव ने कहा कि लाठी खेल मार्शल आर्ट की तरह परंपरागत खेल है। आज भी खतरनाक जीव जंतु एवं अपराधी तत्वों से बचाव के लिए लाठी सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।
प्रमोद कुमार झा, टेक्निकल डायरेक्टर ने लाठी के खेल के विभिन्न तरीके ,सुरक्षा के उपाय, एवं इसके तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।
ब्रजमोहन मंडल ,पूर्व प्राचार्य ,ने लाठी खेल के प्रोत्साहन एवं गांव-गांव में आयोजन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
समारोह में अनिल कुमार पूर्व फौजी सह जिला कार्यकारी अध्यक्ष वेटरन्स इंडिया सीतामढी़ ,प्रो शशिभूषण प्रसाद सिंह, बबलू मंडल, राकेश कुमार चंद्रवंशी, लकी ठाकुर ,श्रवण पासवान, निक्कू मंडल, संभू पंडित सुनील राम ,अभिषेक कुमार ,राम जुलुम मुखिया,, सीताराम मालाकार ,गोविंद दास, धनंजय साहनी ,राम श्रेष्ठ पटेल, मनोज कुमार, शारीरिक शिक्षक, वशिष्ठ राऊत ,अरुण कुमार ,रवि शर्मा ,मिथुन ठाकुर, राजा चंद्रवंशी, कमल किशोर राम ,संजय पासवान, फेकू सिंह, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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